देश में दुनिया भर में वुमन एंपावरमेंट अर्थात महिला सशक्तिकरण को लेकर कई अभियान चल रहे हैं. जिसकी वजह से आवश्यक बदलाव हमारे समाज में देखे गए हैं. लेकिन फिर भी इस पितृसत्तात्मक समाज के कुछ सोच है जिसके तहत कुछ कामों के लिए महिलाओं को अयोग्य माना जाता है.
लेकिन पुरुष प्रधान समाज की इस सोच को खंडित कर देती है ऑटो चालक राजी अशोक जैसी महिलाएं. वैसे तो देश के कई शहरों में देखा गया है कि बस कंडक्टर समेत बस ड्राइवर और ऑटो चालक के तौर पर भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. ऐसी हजारों महिलाएं हैं जो ऑटो रिक्शा के जरिए अपनी कमाई के संसाधन बना रही है.
लेकिन अगर आप चेन्नई की सड़कों पर यात्रा करते हैं तो आपको ऑटो अक्का अर्थात राजी अशोक के बारे में सुनने को जरूर मिलेगा. इनका ऑटो इसलिए भी खास है क्योंकि यह महिलाओं और बुजुर्गों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी लेती है. दबं’ग ऑटो अक्का पिछले कई सालों से सड़कों पर अपनी ऑटो दिन-रात दौड़ आती रहती है.
चाहे कोई भी राज्य हो या शहर हो महिलाओं को रात के समय एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में काफी सोचना पड़ता है. लेकिन ऑटो अक्का इस काम में महिलाओं की मदद करती है क्योंकि वह हर परिस्थितियों और हालातों में महिलाओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की जिम्मेदारी लेती है.
50 वर्षीय ऑटो रिक्शा चालक पिछले 23 सालों से चेन्नई की सड़कों पर ऑटो चला रही है. महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने ऑटो चलाने का फैसला लिया था. उनका कहना है कि उनका उद्देश्य केवल पैसे कमाना नहीं है. वह ऐसे लोगों से पैसे लेते भी नहीं है जो उनके पैसे चुका नहीं पाते. इसके अलावा वह ऐसे लोगों की सहायता भी करती है जिन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचना हो.
इसलिए शुरू किया ऑटो चलाना !
अक्का का कहना है कि उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई प्राप्त की है. वह मूल रूप से केरल की रहने वाली है लेकिन शादी के बाद वह अपने पति के साथ चेन्नई आ गई थी. उनके पति उस वक्त चेन्नई में एक ऑटो चालक थे. ग्रेजुएट होने के बाद भी वह नौकरी नहीं पा सकी इस वजह से उनकी आर्थिक स्थिति भी थोड़ी कमजोर हो गई थी.
जिसके बाद राजी अशोक ने अपने परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए ऑटो चलाना शुरु कर दिया और आज यह उनका पैशन बन चुका है. केवल इतना ही नही राजी अपनी सूझबूझ और साहस के जरिए महिलाओं को प्रशिक्षित भी करती है और फ्री में ऑटो चलाना भी सिखाती है. वह उन महिलाओं को काम दिलवाने में मदद करती है जिनकी आर्थिक स्थिति खराब है.