बड़ी प्रसिद्ध कहावत है जैसी संगति होगी वैसा ही व्यक्ति का आचरण होगा. यह बात बिल्कुल सच है क्योंकि व्यक्ति जिस प्रकार के लोगों के साथ रहता है वह वैसे ही गुण लक्षण सीख जाता है.
इस लिहाज से कहा जा सकता है कि दोस्त बनाना हर व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है. क्योंकि यदि संगति अच्छी हुई तो जीवन में सफलता हासिल होगी लेकिन यदि कुसंगति के प्रभाव में आ गए तो जीवन बर्बाद हो सकता है. ऐसे में आज हम जाने का प्रयास करेंगे कि मित्रता करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे व्यक्तियों से मित्रता करनी चाहिए?
ऐसे लोगों से ना करें दोस्ती !
मित्रों ऐसे व्यक्ति से कभी मित्रता नहीं करनी चाहिए जो अपने जीवन में गलत आदतों को उतार चुका है. साथ ही यदि कोई व्यक्ति केवल अपने स्वार्थ का ख्याल रखता है तो वह भी एक दोस्त की श्रेणी में नहीं आते.
संस्कार और सोच हर व्यक्ति का एक महत्वपूर्ण अंग है ऐसे में ऐसे व्यक्ति से कभी मित्र का ना करें जिसकी सोच ठीक नहीं है साथ ही वह संस्कारों को कुछ नहीं मानता हो. आज के परिपेक्ष में एक सीमा तक मौज मस्ती ठीक है लेकिन यदि किसी व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य ही मौज मस्ती हो और वह कुछ ना करना चाहता हो तो शायद वह दोस्ती के लिए हाथ से थोड़ा ठीक नहीं होगा!
कब होती है दोस्त की पहचान !
मित्रों एक सच्चा दोस्त वही कहा जा सकता है जो इंसान के मुश्किल समय में उसके साथ खड़ा हो. केवल बातों से नहीं बल्कि हर प्रकार से उसकी सहायता करता हो. जो व्यक्ति कहने को साथ है लेकिन कुछ करने को तैयार ना हो, उन्हें मुश्किल में साथ नहीं कहा जा सकता.
इसके अलावा एक सच्चा दोस्त वही है जो व्यक्ति को गलत मार्ग पर जाने से रोकता है. एक सच्चा दोस्त वही कहना आएगा जो व्यक्ति को समय-समय पर आवश्यकता अनुसार उचित परामर्श दें. यदि आपके मित्र की परामर्श आपकी समस्याओं के हिसाब से ठीक नहीं बैठती है तो शायद वह एक अच्छा मित्र नहीं कहला सकता!