हाल ही में भारत ने 21 वर्ष बाद मिस यूनिवर्स (Miss universe) का खिताब अपने नाम किया है. जैसा कि हम सभी जानते हैं इससे पहले यह सर्वप्रथम 1994 में सुष्मिता सेन ने खिताब जीता था. जिसके बाद 2000 में लारा दत्ता ने इस खिताब में अपनी ऐतिहासिक जीत हासिल की थी.
इन दोनों के बाद लंबे समय तक भारत के हिस्से में मिस यूनिवर्स का ताज नहीं आया था. भारत की इन दोनों बेटियों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार भारत का नाम रोशन किया था. आखिर कौन से वह सवाल थे जिनकी बदौलत इन दोनों बेटियों को मिस यूनिवर्स चुना गया था?
सुष्मिता सेन से फाइनल राउंड में पूछा गया था कि- “यदि आप किसी ऐतिहासिक घटना को बदल सकती हैं तो आप कौन सी घटना को बदलती”? इसके जवाब में सुष्मिता सेन ने कहा कि– “यदि मेरे हाथ में किसी ऐतिहासिक घटना को बदलना होता तो मैं हमारे देश की बहादुर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मृत्यु को बदल देती”.
जिसके बाद उनसे दोबारा पूछा गया कि- “यदि आपके पास समय और पैसे दोनों हो तो आप एडवेंचर के लिए कहां जाना पसंद करेंगी” ?
इसके जवाब में सुष्मिता सेन ने कहा कि- “अगर मेरे पास एडवेंचर करने के लिए प्रचुर समय होगा तो मैं उस समय का प्रयोग छोटे बच्चों के साथ बिताने में करुंगी. उन्होंने कहा कि एडवेंचर का सही मायना खुद को खुशी देना है और मुझे छोटे बच्चों के साथ बेहद खुशी महसूस होती है”.
वहीं दूसरी और 12 मई 2000 को जब फाइनल राउंड में खड़ी “लारा दत्ता” से पूछा गया कि- “अगर इस बात पर विरोध शुरू हो जाए कि लारा दत्ता को मिस यूनिवर्स नहीं बनना चाहिए तो आप उन्हें कैसे मनाएंगे “?
इस प्रश्न का उत्तर लारा दत्ता ने सीधा देने के बजाय बेहद अलग ढंग से दिया. लारा दत्ता ने कहा कि- “मिस यूनिवर्स का तमगा अपने आप में एक बड़ा प्लेटफार्म है. यह ताज मुझे ऐसे अवसर देगा कि मैं स्पष्ट रूप से राजनीतिक और मॉडलिंग में अपनी राय दे सकूं.
यह मुझे इतनी बुद्धि और स्पष्टता प्रदान करेगा की लोगों की भीड़ मुझ पर हावी नहीं हो सकती”. लारा दत्ता के इस जवाब का निर्णायक समूह पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने लारा दत्ता को 10 में से 9.99 अंक दिए थे जो अब तक ऐतिहासिक है और इस रिकॉर्ड को कोई नहीं तोड़ पाया.