कहा जाता है पति पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का होता है, अगर एक पर आंच जाए तो दूसरा भी अछूता नहीं रह जाता. आखिरकार पति पत्नी का रिश्ता जीवन भर साथ निभाने का होता है. यह प्यार, सम्मान और जिम्मेदारियों से भरा हुआ नाता है.
जब दो लोग आपस में प्यार करने लगते हैं तो एक साथ जीने और मरने की कसमें खाने लगते हैं. कसमें खाते तो बहुत लोग हैं लेकिन एक साथ जीने के बाद साथ मरता कोई नहीं है. लेकिन साथ जीने मरने की इस कहावत को राजस्थान के एक जोड़े ने सच कर बताया है.
राजस्थान के नागौर जिले के रुण गांव में 58 सालों से अपना दांपत्य जीवन बिता रहे एक विवाहित जोड़े ने एक साथ दम तोड़ा है, यह भाव भरा संयोग देखकर संपूर्ण ग्रामीण अपने आंसू नहीं रोक पाए.
जानकारी के अनुसार रुण गांव में रहने वाले 78 वर्षीय राणा राम सेन को कुछ समय से सांस लेने में दिक्कत आ रही थी जिसके बाद उन्हें नागौर इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था. लेकिन तबीयत में सुधार ना होने की वजह से उनको वह जल्दी ही जोधपुर रेफर कर दिया गया था.
लेकिन जोधपुर भर्ती करवाने के बावजूद भी 5 जनवरी को राणा राम की मृत्यु हो गई, जिसके बाद उनके शव को घर ले जाने की तैयारी की गई. उनकी दो बेटियां हैं जिन्हें भी घर पर बुलाया गया. जब राणा राम उनके घर पहुंचा तो अपने पति की चिता देखकर उनकी पत्नी भंवरी देवी बिलखने लगी, और देखते ही देखते उन्होंने भी दम तोड़ दिया.
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इस भाव भरे संयोग के बाद दोनों को एक ही साथ चिता पर मुखाग्नि देने का फैसला किया गया. माता भंवरी देवी की चिता को उनकी दोनों बेटियों ने कंधा दिया जबकि पिता की चिता को परिवार के अन्य भाइयों ने कंधा दिया. उन की शव यात्रा में संपूर्ण ग्रामवासी शामिल हुए और बैंड बाजे के साथ दोनों का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया.