शादी विवाह आदि अनुष्ठानों में पूजा-पाठ और मंत्रोच्चारण का काम पंडित का होता है, बोलचाल में भी हम यही बोलते हैं कि जल्दी से पंडित जी को बुला लीजिए! ऐसे में अगर हमारे बीच में कोई महिला आकर मंत्र बोलने लगे तो शायद हमें थोड़ा अजीब लग सकता है क्योंकि हमें इसकी आदत नहीं है.
लेकिन बदलते जमाने में सब कुछ बदल रहा है और कई महिला पंडित भी अब देखी जा सकती है, जैसा कि बॉलीवुड स्टार दीया मिर्जा की शादी एक महिला पंडित ने करवाई थी. लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं अमेरिका में रहने वाली भारतवंशी सुषमा द्विवेदी की जो अमेरिका की पहली महिला पंडित बन गई है.
मूल रूप से भारतीय सुषमा द्विवेदी का जन्म कनाडा में हुआ था, इसके बाद उन्होंने तय किया कि वह सभी अनुष्ठानों में पूजा पाठ का काम करवाएंगी.
इस काम में उनकी दादी ने उनकी सहायता की थी, अर्थात सुषमा की दादी ने उन्हें पूजा अनुष्ठान के सभी नियम और मंत्र सिखाएं थे. हालांकि उनकी दादी कोई प्रोफेशनल पंडित नहीं थी और ना ही उन्होंने कोई अनुष्ठान करवाया था लेकिन उनके पास खूब जानकारी थी.
दादी के साथ बैठकर सुषमा सभी ग्रंथों और मंत्रों को याद करने लगती. सबसे खास बात यह है कि सुषमा ने ग्रंथों के उन मंत्रों को छांटकर ऐसे मंत्र बनाए जो किसी लिंग विशेष, जाति विशेष से ऊपर उठकर आशीर्वाद वचन हो. अपने इसी तर्ज पर सुषमा समलैंगिकों से लगाकर प्रत्येक जाति, प्रत्येक संप्रदाय और हर रंग-नस्ल के लोगों के लिए पूजा अनुष्ठान करवाती है.
सुषमा ने 2016 में हर प्रकार की धार्मिक सेवाएं प्रदान करने वाले एक ग्रुप पर्पल पंडित प्रोजेक्ट की स्थापना की थी, दक्षिण एशिया में गे समुदाय का प्रतिनिधि माने जाने वाले पर्पल को सुषमा ने अपनी धार्मिक संस्था के लिए चुना.
खास बात यह भी है कि सुषमा विवाह कराने में घंटों का समय नहीं लेती बल्कि मात्र 30 से 35 मिनट में सभी आशीर्वाद दायक मंत्र उच्चारण करके विवाह संपन्न करवाती है.