19 साल की कम अवस्था में जहां ज्यादातर युवक युवतियां अपने कॉलेज की पढ़ाई में व्यस्त होते हैं और उन्हें शायद अपने आगामी करियर की चिंता भी नहीं होती. इस अवस्था में ज्यादातर लोग अपने घर वालों से पैसे लेकर छुप-छुपकर पिकनिक प्लान करते हैं.
अगर उन्हें कुछ चाहिए भी होता है तो उन्हें डरते डरते अपने माता-पिता को बताना पड़ता है. ऐसे में कोई नहीं सोच सकता कि वह जाकर दुनिया की सैर कर आए. लेकिन यह बात काफी दिलचस्प है कि एक 19 वर्षीय युवती ने ऐसा कर दिखाया है.
यह 19 वर्षीय युवती बेल्जियम-ब्रिटिश पायलट है, इसका नाम है जारा रदरफोर्ड. जारा सोलो ग्लोबल फ्लाइट की पायलट है. जिसने हाल ही में दुनिया भर में अकेले उड़ान भरने वाली सबसे कम उम्र की महिला के रूप में रिकॉर्ड बनाया है. जी हां यह बात बिल्कुल सच है जरा ने अकेले हवाई मार्ग के जरिए पूरी दुनिया का चक्कर लगाया है.
जारा से पहले यह रिकॉर्ड 30 साल की अमेरिकी एविएटर शाएस्टा वेज के नाम था, लेकिन अब यह रिकॉर्ड जारा के नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है.
इन्होंने अपनी यात्रा 18 अगस्त 2021 को शुरू की थी और 3 महीने का लक्ष्य बनाकर वापस लौटने का निश्चय किया था. यानी इन्हें 18 नवंबर को वापस लौटना था लेकिन ऐसा नहीं हो सका. क्योंकि जारा को 52000 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी जिसमें पांच महाद्वीपों के लगभग 41 देशों का दौरा करना था, जब तक जारा ने यह दौरा पूरा किया तब तक खराब मौसम और वीजा की जरूरत के कारण यह समय बढ़ गया.
जारा को कहीं बेहद गर्मी सहन करनी पड़ी तो कहीं रूस की कड़ाके की ठंड बर्दाश्त करनी पड़ेगी. यह सफर काफी मुश्किल था, और जरा का कहना है कि उन्हें कई बार अपनी मौत का खतरा भी दिखने लगा. अपने अल्ट्रालाइट शार्क प्लेन में उन्हें कई बार बेहद भय महसूस हुआ और अपने परिवार के बिना सुख सुविधाओं के लिए तरसती रहे. लेकिन फिर भी जारा ने यह कर दिखाया.
जरा के अनुसार यह सफर काफी दिलचस्प और रोमांचक भी रहा क्योंकि उन्होंने एक ही समय में कई जगहों पर बदलते मौसम और बदलती संस्कृतियों और बदलती जमीन को देखा. जारा की यात्रा 155 दिन बाद यानी कि 5 महीने बाद 20 जनवरी, गुरुवार को संपन्न हुई. यह एक बड़ा इतिहास है और युवतियों और महिलाओं के लिए अच्छी प्रेरणा, जारा की कहानी से स्पष्ट होता है कि अगर ठान लिया जाए तो कुछ भी किया जा सकता है.