फिल्म इंडस्ट्री के सितारे हमेशा हंसते मुस्कुराते और आलीशान जिंदगी जीते हुए नजर आते हैं. लेकिन वहां के रिश्तो में भी इतनी मिठास नहीं होती जितनी कैमरे के सामने दिखाई देती है. वास्तव में बॉलीवुड की दोस्तीयां भी सामान्य दोस्तीयों की तरह बनती है और जल्द बिगड़ती भी है.
वास्तविकता में बॉलीवुड के रिश्ते सामान्य से ज्यादा खोखले प्रतीत होते हैं. ऐसा ही एक किस्सा अमिताभ बच्चन और संजय दत्त से जुड़ा हुआ है जिसने एक समय में खूब सुर्खियां बटोरी थी. दरअसल यह बात उस समय की है जब संजय दत्त का स्टारडम खूब जम रहा था वही अमिताभ बच्चन अच्छा नाम कमा चुके थे.
उसी दौर में दोनों ने एक दूसरे के साथ काम करना शुरू किया. लेकिन एक मुद्दे पर उनके अहंकार आपस में टकरा गए और नतीजा कुछ यूं हुआ कि संजय दत्त ने शूटिंग ही छोड़ दी. आपको बता दें कि जिस वाकिये के बारे में हम चर्चा करने जा रहे हैं वह 1992 की खुदा गवाह से जुड़ा हुआ है.
शूटिंग हुई शुरू
इस फिल्म की शूटिंग 1990-91 में हुई जिसमें अमिताभ बच्चन और संजय दत्त के अलावा श्रीदेवी भी थी. श्रीदेवी की फिल्म में दोहरी भूमिका थी जिसमें वह अमिताभ बच्चन की पत्नी और उनकी बेटी का किरदार निभा रही थी. संजय दत्त इसमें पुलिस इंस्पेक्टर का रोल अदा कर रहे थे जिसे बाद में अमिताभ बच्चन की बेटी से प्यार हो जाता है.
इसमें संजय दत्त के कई एक्शन सीन भी फिल्माए जा चुके थे. उसी समय संजय दत्त की फिल्म थानेदार दिसंबर 1990 में रिलीज हुई. जिस का गाना ‘तम्मा तम्मा’ खूब सुर्खियां बटोर रहा था. कुछ ही समय बाद जनवरी 1991 में अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘हम’ आयी जिसका गाना ‘जुम्मा चुम्मा’ भी खूब पॉपुलर हो चुका था.खास बात यह रही कि दोनों ही गानों की धुन आपस में काफी ज्यादा मिल रही थी और गाने लगभग एक जैसे प्रतीत हो रहे थे.
अमिताभ की फिल्म के संगीतकार थे लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और संजय दत्त के संगीतकार बप्पी लहरी. दरअसल इन गानों का संगीत अफ्रीकी गायक मोरे कांत से लिया गया था.इस वजह से इस बात पर बहस छिड़ गई कि इन गानों को आपस में कहीं ना कहीं कॉपी किया गया है! साथ ही यह मुद्दा भी चर्चा का विषय बना हुआ था कि पहले किसने कॉपी किया है?
फिल्म में संगीत की यह धुन अभिनेताओं के बीच आपसी टकराव का भी कारण बन गई और दोनों के अहंकार आपस में टकराने लगे.नतीजा यह हुआ की काफी शूटिंग पूरी कर लेने के बावजूद भी संजय दत्त ने फिल्म खुदा गवाह छोड़ दी. हालांकि बाद में यह कहा गया कि संजय दत्त ने फिल्म इसलिए छोड़ी क्योंकि उनका रोल थोड़ा छोटा था. आपको बता दें कि बाद में इस फिल्म में संजय दत्त की जगह नागार्जुन ने यह किरदार अदा किया था.