बॉलीवुड इंडस्ट्री में गहरी पैठ रखने वाले अमिताभ बच्चन आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. साल 1969 में अपने डेब्यूट से लगाकर आज तक अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में लगातार एक्टिव है और वह कई बेहतरीन फिल्में दे रहे हैं. जिसकी बदौलत आज भी बिग बी लाखों दिलों पर राज करते हैं.
इसी कड़ी में आज हम चर्चा करने जा रहे हैं अमिताभ बच्चन के जीवन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घटना के बारे में जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है. दरअसल जब साल 1983 में एक्टर अमिताभ बच्चन की फिल्म कुली आई थी तब उनके साथ सफलता के साथ ही साथ कुछ दुर्घ’टना भी हो गई थी.
यह वह समय था जब अमिताभ बच्चन सफलता के शीर्ष चूम रहे थे वहीं भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी. अमिताभ बच्चन की यह फिल्म रिलीज होने से पहले ही काफी ज्यादा पसंद की जाने लगी थी और रिलीज होने के बाद इसकी सफलता के पैमाने नहीं रहे.
लेकिन फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन के साथ काफी बड़ी दुर्घ’टना भी हो गई थी जिसके कारण अमिताभ बच्चन की जान भी जा सकती थी. इसमें उनके पेट में काफी चोट लगी थी और उनकी आंत को काफी नुकसान पहुंचा था. जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था.
जिसके बाद यह खबर पूरी दुनिया में वायरल हो चुकी थी कि अमिताभ की आंत फट चुकी है. केवल इतना ही नहीं अमिताभ बच्चन उस वक्त कोमा में चले गए थे और कुल 14 घंटे तक वह बिल्कुल बेहोश रहे. इस बात की खबर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी लगी और उन्होंने इस बारे में अपनी किताब में लिखा भी है. इंदिरा ने लिखा है कि मैं उस वक्त लॉस एंजेलिस में थी जब मुझे खबर मिली कि अमिताभ की हालत बेहद नाजुक है.
अगर मैं भारत में होती तो उस समय मेरा पूरा परिवार मुंबई में उनके साथ होता. लेकिन बाद में मैंने तुरंत ही अपने बेटे राजीव को भारत वापस भेज दिया था. इसके कुछ ही समय बाद इंदिरा गांधी भी भारत वापस आयी और वह अपने बेटे और बहू के साथ हॉस्पिटल पहुंची. उस समय हॉस्पिटल में अमिताभ बच्चन के ससुर तरुण कुमार भादुरी भी मौजूद थे और जैसे ही उन्होंने इंदिरा को देखा तो उनकी आंखें नम हो रखी थी.
वही अमिताभ की हालत भी काफी खराब थी. इस वक्त तक भी अमिताभ बेड पर थे और इंदिरा गांधी को देखते ही उन्होंने कहा कि ‘आंटी में सो नहीं पा रहा हूं’. यह सुनकर इंदिरा गांधी रो पड़ी थी और उन्होंने अमिताभ बच्चन को दिलासा देते हुए कहा कि मैं भी कभी कबार सो नहीं पाती हूं. लेकिन इसमें परेशान होने की कोई बात नहीं है.