वर्तमान सिनेमा जगत के “राज कपूर” माने जाने वाले “आमिर खान” की जब भी कोई नई फिल्म सिनेमा पर लगती है तो दर्शकों का तांता लग जाता है. इसका ताजा उदाहरण फिल्म दंगल है, 70 करोड़ लागत वाली इस फिल्म ने 2000 करोड़ से ज्यादा कमाई की थी. इसी कारण से दंगल फिल्म भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों के शीर्ष पर पहुंच गई.
आमिर खान के लिए प्रशंसकों की लगी इस लाइन से यह तो स्पष्ट है कि आमिर खान जिस भी अवॉर्ड शो में जाएंगे उनका नाम किसी ना किसी अवार्ड में शामिल होगा. लेकिन फिर भी आमिर खान कभी भी किसी अवॉर्ड शो में नहीं जाते हैं, जी हां यह बात बिल्कुल सच है. जहां दर्शक यह जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि आमिर खान ने अवार्ड शो का बहिष्कार कर दिया?
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1995 में आमिर खान की वह फिल्म” रंगीला” :-
रामगोपाल वर्मा निर्देशित फिल्म रंगीला में आमिर खान सहित जैकी श्रॉफ दिखाई दिए थे. इस फिल्म में आमिर खान का किरदार एक टपोरी लड़के का था. फिल्म में अपने किरदार के लिए आमिर खान ने खूब मेहनत की थी, उन्होंने खुद को टपोरी दिखाने के लिए वैसे ही कपड़े पहनने शुरू कर दिए थे, इसके अलावा उन्होंने टपोरी लैंग्वेज भी सीख ली थी. आमिर खान की कड़ी मेहनत के बाद फिल्म रंगीला उस दौर की सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी.
रंगीला से पहले तक आमिर खान की गिनती सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में नहीं होती थी लेकिन फिल्म रंगीला के बाद आमिर खान की पहचान अलग बनकर उभरी. लेकिन वास्तव में इस फिल्म में पहले शाहरुख खान को लिया जाना था. शाहरुख खान ने इससे पहले बाजीगर, कभी हां कभी ना और डर जैसी सुपरहिट फिल्में बना ली थी. इसके बाद राकेश रोशन निर्देशित करण अर्जुन फिल्म के लिए राकेश रोशन ने शाहरुख खान समेत सलमान खान को इस फिल्म में काम करने के लिए कहा था.
साथ ही रामगोपाल वर्मा ने भी अपनी फिल्म रंगीला में काम करने के लिए शाहरुख खान से संपर्क किया था. लेकिन शाहरुख खान ने राम गोपाल वर्मा की फिल्म में काम करने से मना कर दिया और करण-अर्जुन में सलमान खान के साथ काम करना पसंद किया. रंगीला के साथ ही 1995 में रिलीज हुई करण-अर्जुन फिल्म सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी.
जब समय आया “फिल्म फेयर अवार्ड” का :–
रंगीला में अपनी कड़ी मेहनत से उत्साहित आमिर खान को यह लगने लगा था कि शायद उन्होंने सबसे ज्यादा मेहनत की है इसलिए फिल्म फेयर अवार्ड भी उन्हें ही मिलेगा. दर्शकों का भी यही मानना था कि इस साल का फिल्मफेयर अवार्ड आमिर खान ही लेकर जाएंगे. लेकिन जब फिल्म फेयर अवार्ड की घोषणा हुई तो यह अवार्ड आमिर खान के बजाए शाहरुख खान को “दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे” फिल्म के लिए दे दिया गया था.
कहा जाता है कि इस घटना से आहत आमिर खान ने इस बात के लिए विरोध जताया था, लेकिन फिर भी किसी ने उनकी नहीं सुनी. कहा जाता है कि इसके बाद ही आमिर खान को अवार्ड शो से नफरत हो गई थी. शायद आमिर खान को कुछ ऐसा पता लग गया था जिसके बाद उनके मन में अवार्ड शो के लिए घृणा पैदा हो चुकी थी.
क्या है इस बात पर “आमिर खान” का कहना ?
आमिर खान से जब इंटरव्यू में उनके किसी अवॉर्ड शो में ना जाने की वजह पूछी गई थी तब उन्होंने कहा कि “जब मैं बॉलीवुड में नया-नया आया था तब मेरे मन में अवार्ड शो को लेकर खासा उत्साह रहता था. मैं हमेशा कड़ी मेहनत करके अवार्ड जीतने का सपना देखता था. लेकिन सच्चाई तो यह है कि अवार्ड्स मेहनत करने से नहीं मिलते हैं, बल्कि इनमें पहले ही यह तय कर दिया जाता है कि अवार्ड किसे दिया जाना है.
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इन अवॉर्ड शो में कलाकार और कलाकार की मेहनत का महत्व नहीं है, बल्कि जिसने अवॉर्ड शो का आयोजन किया है उसकी मर्जी के अनुसार ही अवार्ड दिया जाता है. मुझे ऐसे अवार्ड जीतने में कोई दिलचस्पी नहीं है. मेरी कलाकारी दर्शक स्वयं पसंद करते हैं और मेरे लिए सबसे बड़ा अवार्ड यही है. उनका कहना है कि ऐसी बात नहीं है मैं किसी भी अवॉर्ड शो में नहीं जाता हूं, जो शुद्ध अवार्ड शो है और जहां कलाकार की मेहनत का सम्मान किया जाता है मैं वहां अवश्य जाता हूं. लेकिन शायद ऐसे अवार्ड शो के कार्यक्रम टीवी पर प्रसारित नहीं होते है”.