भले ही आधुनिकता के कितने ही ढिं’ढोरे पीटे जाए लेकिन सच्चाई यही है कि भारत समेत दुनिया भर में लोग अभी भी कृषि और उससे जुड़े उद्योगों पर ही निर्भर है. यह मनुष्य के खानपान के लिए तो आवश्यक है ही साथ ही यह कई लोगों के लिए व्यवसाय भी है. भारत की बात करें तो भारत अभी भी एक कृषि प्रधान देश है और इसकी अधिकतर जरूरतें कृषि और उससे संबंधित उत्पादों से ही पूरी होती है.
अब अगर बात कृषि की हो और उसमें गाय-भैंसों का पालन सम्मिलित ना हो तो यह कुछ अधूरा सा लगता है! यहां लोगों को गाय भैंस पालने का काफी ज्यादा शौ’क है साथ ही वह इससे मिलने वाले दूध से कई तरह के बिजनेस भी बढ़ाते हैं.
सभी लोग अपने पालतू गाय भैंसों का काफी ख्याल रखते हैं लेकिन इनमें से कई ऐसी होती है जो अन्य के मुकाबले काफी ज्यादा दूध देती है. ऐसे ही एक भैंस के बारे में हम चर्चा करने जा रहे हैं जिसका नाम है सरस्वती. बता दें कि मैं सरस्वती एक मुर्रा नस्ल की भैंस है. जिसके नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड है. यह हरियाणा के हिसार के गांव लितानी में रहती है.
सरस्वती ने पाकिस्तान को पीछे छोड़ते हुए अपने नाम सर्वाधिक दूध देने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया. बता दें कि सरस्वती ने यह रिकॉर्ड 33 किलो 131 ग्राम दूध देकर बनाया था. इसी कड़ी में सरस्वती से जुड़ी एक खबर यह सामने आ रही है कि हाल ही में यह भैंस 51 लाख रुपए में बिकी है.
इस संदर्भ में भैंस के मालिक सुखवीर ढांडा की तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि इस कीमत में बिकने वाली यह भैंस अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी है. क्योंकि इससे पहले इतनी महंगी कोई भी भैंस नहीं बिकी है. बता दें कि इस भैंस को अब पंजाब के किसान पवित्र सिंह ने खरीदा है.
जब 7 वर्ष की सरस्वती ने तोड़ा था रिकॉर्ड
जानकारी के लिए बता दें कि यह भैंस उस वक्त बेहद फेमस हो गई जब किसान सुखबीर ढांडा की 7 वर्ष की यह सरस्वती पाकिस्तान में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना गई. इसमें एक समय में 33 किलो से ज्यादा दूध देकर सारे रिकॉर्ड चटका दिए. जिसके बाद यह विशेषकर हरियाणा में काफी ज्यादा फेमस हो गई थी और इसे अक्सर देखने वालों का तांता लगा रहता था.
— news letter (@newslet83450621) April 25, 2022
ऐसा क्या खिलाते थे सुखबीर ?
जब किसान सुखबीर से इस संदर्भ में पूछा गया कि वह इस भैंस के पालन-पोषण के लिए उसे क्या देते थे? उन्होंने बताया कि वह अपनी बहन सरस्वती की देखभाल अपने बच्चों की तरह करते थे. 1 दिन में वह सरस्वती को चारे में 10 किलोग्राम फीड देते थे. जिसमें बिनौला, खल, चने के छिलके, मक्की, सोयाबीन, नमक और आधा किलो गुड़ समेत तीन सौ ग्राम सरसो का तेल शामिल है. साथ ही वह मौसम के हिसाब से अपनी भैंस का पूरा ख्याल रखते थे.