पी.ओ.के. (POK) पर पाकिस्तान की नजर बड़े लंबे समय से है। परंतु धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान मुश्किल में पड़ गया है। पाकिस्तान, पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर (POK) पर अत्याचार करता आ रहा है। अब क्रिकेट की आड़ में पाकिस्तान अपना मकसद पूरा करना चाहता है। परन्तु पाकिस्तान को क्या पता था कि इनकी यह चाल इन्हीं पर भारी पड़ जाएगी। पाकिस्तान ने कई कोशिश की परन्तु नाकाम रहा।
पाकिस्तान यह मान चूका है कि पी.ओ.के. (POK) उसके हाथ से निकल चूका है। इसी नाकाम काम को पूरा करने के लिए पाकिस्तान ने क्रिकेट लीग का रास्ता लिया। पी.ओ.के. में अपनी इमेज बनाने के लिए यह रास्ता निकाला गया है। इसका नाम कश्मीर प्रीमियर लीग है।
अपने कारनामे पूरे करने के लिए केवल क्रिकेट ही एक रास्ता नजर आया। पाकिस्तान भले ही इसे कश्मीर प्रीमियर लीग (Kashmir Premier League) बोल रहा हो परन्तु यह पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर प्रीमियम लीग है। जिसका इस्तेमाल वहा हो रहे नारों से दुनिया का ध्यान भटकना है।
पाकिस्तान का यह टूर्नामेंट 6 अगस्त से शुरू होने वाला है। इस टूर्नामेंट में हर्षल गिब्स और मोंटी पनेसर जैसे क्रिकेटर्स को लाने की सोच रहा था। पर इससे पहले की पाकिस्तान यह करता उसे बी.सी.सी.आई. (BCCI) ने कश्मीर प्रीमियम लीग पर कड़ा विद्रोह जताया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बी.सी.सी.आई. ने दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड्स को चेतावनी दी है। इसमें खेलने वाले सभी खिलाड़यों को भारत के क्रिकेट सम्बन्ध से निकाल दिया जाएगा। यह चेतावनी अब दिखने भी लगी है। इस कोशिश पर पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है।
इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी ने भी पीछे हटने का संकेत दिया है। भाग लेने के बाद आने वाली मुसीबतों के बारे में भी बताया। इससे पहले साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर हर्षल गिब्स ने बी.सी.सी.आई. पर कश्मीर प्रीमियम लीग पर दबाव बनाने का आरोप भी लगाया था। हालांकि ऐसा करना क्रिकेट फैंस को रास नहीं आया और सोशल मीडिया पर खड़ी-खोटी भी सुनाई।