आज के समय में ज्यादातर सब अपने मोबाइल में व्यस्त रहते है। कोई सोशल मीडिया पर तो कोई गेमिंग में। अब बात करें ऑनलाइन गेमिंग की तो बच्चों और युवाओं का झुकाव बहुत तेजी से ऑनलाइन गेमिंग की तरफ बढ़ रहा है। लेकिन वास्तविक मायने में खेलना क्या होता है? जब हम बहार जाकर खुले में शारीरिक तौर पर किसी खेल को खेलें तब हमारा शरीर स्वस्थ व फुर्तीला रहता है।
लेकिन अभी के समय में खेल के मायने पूरे बदल गए है। बच्चें बिस्तर पर पड़े पड़े ही मोबाइल में ऑनलाइन गेमिंग खेलते रहते है। और ऑनलाइन गेमिंग की लत इतनी बुरी है कि लड़के 24 घंटे लगातार बिना रुके इसे खेल लेते है। यह वाकई में बहुत भयानक है। ऐसा होना इतना खतरनाक क्यों है इसी से जुड़ी खबर हम आपको बताते है।
यह खबर मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की है। मध्यप्रदेश के छतरपुर के एक 13 साल के लड़के ने ऑनलाइन गेम की वजह से फांसी लगा ली। मध्यप्रदेश के एक मात्र 13 साल के लड़के ने यह महसूस करने के खुद को फांसी लगा ली कि उसने ऑनलाइन गेम फ्री फायर में 40,000/- रूपये उड़ा दिए। ऑनलाइन गेमिंग में 40,000 रूपये हारने के बाद 13 साल के कृष्णा पांडे ने अपनी स्कूल की नोटबुक के पिछले पेज पर अपनी माँ के लिए आखरी सन्देश लिखकर खुद को फंदे से झूला दिया।
इस सुसाइड नोट में बच्चे ने ऑनलाइन गेमिंग में पैसे खर्च करने के बारे में लिखा। कक्षा 6 में पढ़ने वाले 13 साल के मासूम ने लिखा- “मुझे माफ़ करना माँ, लेकिन मैं खुदखुशी कर रहा हूँ। मैं बहुत डिप्रेशन में हूँ। इसलिए मैं खुद को मार रहा हूँ। मैं एक से कई ज्यादाबार माफ़ी माँगता हूँ आपसे। मैंने फ्री फायर गेम में 40000/- रूपये खर्च कर दिए। रोना मत मेरी माँ।”
ख़बरों के मुताबिक़ बच्चे की माँ उसको यह गेम खेलने के लिए कई बार मना करती थी। लेकिन बच्चा बिना बताये अपने माँ के बैंक खाते से UPI के द्वारा पैसे खर्च करता था। और वह सारे पैसे फ्री फायर गेम में लगाता था। अब बच्चे के हाथ से लिखा हुआ सुसाइड नोट वायरल हो रहा है। जिस से राज्य व देश में भावनाओं की लहर दौड़ गयी। लोगों को इसके बारे सुनकर बहुत दुःख व तकलीफ हो रही है।
इसलिए लोगों ने ऐसे ऑनलाइन गेमिंग को बैन करने की मांग की है। जिसके बाद इसी मामले में वह की स्थानीय पुलिस ने फ्री फायर गेम के खिलाफ एक नाबालिग को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का केस दर्ज किया है।
जानकारी के मुताबिक़ गेम खेलते समय टीम के व अन्य खेलने वाले लोग आपस में बातचीत कर सकते है। कहा जा रहा है कि फ्री फायर खिलाने वाले लड़के इस बच्चे पर पैसे डालने का दबाव बनाते थे।
इस पर छतरपुर के एसपी ने कहा कि- गेमिंग एप की भूमिका भी हमारी जांच का हिस्सा है। हमारी साइबर सेल बच्चे के फोन की जाँच कर रही है। प्रोटोकॉल यह है कि 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई खरीदारी के लिए माता-पिता का प्राधिकरण अनिवार्य है। बैंक के ऑनलाइन लेनदेन व पैसे के खेच की जानकारी के अनुसार फ्री फायर के खिलाफ जरूरी व कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
रिपोर्टस के मुताबिक़ ऑनलाइन गेमिंग की वजह से इस साल की यहाँ दूसरी आत्महत्या है। इस से पहले की घटना भी मध्यप्रदेश राज्य की ही थी। सागर जिले के 12 वर्षीय लड़के खुद को मार लिया था जब उसके पिता ने उस से फोन चीन लिया था। क्योंकि वह बच्चा एक ही ऑनलाइन गेम में बहुत अधिक समय बिताता था।
इस पर सवाल उठता है क्या ऑनलाइन गेमिंग को बंद कर देना चाहिए? या बच्चों को इतनी कम उम्र में मोबाइल नहीं देना चाहिए? किस तरह से बच्चों को ऑनलाइन गेम की लत छुड़ाई जा सकती है? इस पर आपकी क्या राय है हमें कमेंट कर के जरूर बताये।