दिल्ली: हथियार की नोक पर चेन लूटने की कोशिश, भीड़ ने सिखाया ऐसा सबक की चोर जोड़ने लगे हाथ-

दिल्ली जैसे महानगरों में पर्स चोरी, चैन स्नैचिंग और सामान के लूटपाट की घटनाएं आजकल आम हो गई है, पुलिस प्रशासन भी ऐसी घटनाओं पर कड़ी कार्यवाही नहीं करता जिसके कारण इन अपराधियों का साहस बढ़ रहा है. इसी प्रकार से सामान्यता दिल्ली के निहाल विहार में भी दो बदमाशों ने एक व्यक्ति की सोने की चेन छीनने का प्रयास किया. लेकिन बदमाश अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए बदले में उनकी सुताई हो गई.

पढ़िए घटना की पूरी जानकारी :– बीते दिनों दिल्ली के निहाल विहार में एक व्यक्ति देव वर्मा सामान्यता बाहर खड़ा था. तभी पीछे से दो बदमाश पल्सर पर सवार होकर आए. दोनों ने देव वर्मा के गले की सोने की चेन छीनने का प्रयास किया. देव वर्मा ने उनके साथ थोड़ा संघर्ष करने का प्रयास किया तभी दोनों बदमाशों ने उसे बंदूक दिखाई. इतने में ही देव वर्मा चिल्लाने लगा तब तक उन्होंने बदमाशों ने उसके सर पर जोर से मार दी. जिसके कारण वह बेहोश होने लगा.

देव वर्मा के चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास की भीड़ जमा होने लगे और उन्होंने देव वर्मा का बचाव करते हुए चोरों की सुताई करना शुरू कर दिया. भीड़ ने दोनों बदमाशों को जमकर पीटा, इतना पीटा कि दोनों अधमरी अवस्था में पहुंच गए. जिसके बाद दोनों बदमाश हाथ जोड़कर माफी मांगने लगे और गिड़गिड़ाने लगे. लेकिन इतने पर भी भीड़ ने उसे नहीं बख्शा और लगातार पीटा. जिसके बाद कुछ लोगों ने पुलिस को फोन किया और दोनों बदमाशों को पुलिस के हवाले कर दिया.

पहले से दर्ज है कई केस :– पुलिस ने दोनों बदमाशों को गिरफ्तार करके उनका बयान लिया तो उन्होंने अपना नाम सूरज और दीपक बताया. पीड़ित देव वर्मा ने भी दोनों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. इसके अलावा दोनों बदमाशों से एक पिस्टल, कारतूस और उनके बैग से ₹25000 नकद बरामद किए गए हैं. पूछताछ में सामने आया कि दोनों ही बदमाश पिस्टल की नोक पर लोगों को लूटने का काम करते है.

पहले वह लोगों से लूटपाट का प्रयास करते हैं और जब लोग विरोध करते हैं तो वह पिस्तौल दिखाकर उन्हें जान से मारने की धमकी देते हैं. इसी तकनीक से दोनों बदमाशों ने आज तक कई लोगों से लाखों की लूटपाट की है. केवल इतना ही नहीं दोनों बदमाशों दीपक और सूरज के खिलाफ अलग-अलग थानों में आज से पहले 7 अन्य एफ आई आर दर्ज है. एफ. आई. आर. दर्ज होने के बाद भी बदमाश खुले घूम रहे हैं इसका आशय यह हुआ कि पुलिस प्रशासन ने वास्तव में उन्हें पकड़ना ही नहीं चाहती.

जब किसी आम आदमी के साथ लूटपाट होती है तो वह रोता गिरता गया पुलिस थाने पहुंचता है और शिकायत दर्ज करवाता है, लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होती पुलिस बस इतना कह देती है कि चोर का पता नहीं लग सका. प्रशासन के इस ढर्रे के कारण आज देश में इस प्रकार की सरेआम चोरी और लूटपाट की घटनाएं बेहद आम हो गई है.

लेकिन इन दोनों बदमाशों को भीड़ ने ऐसा सबक सिखाया है कि शायद यह बदमाश जिंदगी में कभी दोबारा लूटपाट का प्रयास नहीं करेंगे. वास्तव में यह सीख है कि जब भी कोई ऐसा चोर हमारे साथ लूटपाट का प्रयास करें तो हमें जमकर उसकी पिटाई करनी चाहिए ताकि उसके जहन से चोरी का ख्याल बाहर निकल जाए.