बिहार में बढ़ती हुई श’राबियों की जनसंख्या को देखकर बिहार सरकार ने राज्य में श’राब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. वहां अधिकतर लोग ऐसे हैं जिनका जीवन स्तर काफी कम है और उनकी रोजी-रोटी की भी समस्या है.
लेकिन फिर भी यह लोग श’राब के न’शे में चूर रहते हैं. समस्या से निपटारा करने हेतु सरकार ने यह कदम उठाया लेकिन लगता है कि यह कदम भी इतना कारगर नहीं है क्योंकि प्रतिबंध होने के बावजूद भी लोग इससे बाज नहीं आ रहे हैं. क्योंकि हाल ही से सुपौल से एक मामला सामने आया है जब एक बस का ड्राइवर काफी मात्रा में श’राब पीकर गाड़ी चला रहा था.
हालांकि ड्राइवर की चालाकी जल्दी ही पकड़ी गई और पुलिस ने उसे कोर्ट के समक्ष भी पेश कर दिया. पूरे मामले में ड्राइवर को सजा सुनाई गई है जिसमें जिला कोर्ट में ADJ5 विशेष न्यायधीश उत्पाद कमलेश चंद्र मिश्रा ने श’राब पीकर बस चलाने के मामले में ड्राइवर को दोषी मानते हुए उस पर ₹50000 का जुर्माना लगाया है. यदि यह ड्राइवर जिसका नाम श्रवण यादव है समय से अपना जुर्माना नहीं भरता तो उसे 3 माह की अतिरिक्त सजा भी हो सकती है.
इस ड्राइवर के खिलाफ शिकायत राजकीय माध्यमिक विद्यालय दर्जियां उर्दू के प्रधानाध्यापक मोहब्बत नौशाद ने लिखित आवेदन में की थी. उन्होंने अपने आवेदन में कहा था कि मधुबनी जिले के मधेपुर थाना क्षेत्र में स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय दर्जियां से यह ड्राइवर श्रवण यादव छात्रों को कोसी बैराज का भ्रमण कराने ले गया था.
इस दौरान उसने जमकर शराब पी रखी थी जिसके कारण रास्ते में दो बार बस दुर्घटनाग्रस्त होने से बची. उस समय शायद ड्राइवर के हो’श ठिकाने भी नहीं थे क्योंकि पोस्ट चेकिंग के बाद भी यह सिद्ध हुआ था कि ड्राइवर ने श’राब पी रखी थी. किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई इसलिए यह बात सामान्य लगती है लेकिन यह किसी भी विद्यार्थी की जान पर ख’तरा हो सकता था.