इस वायरल फोटो में किसके है ये पैसे? अलमारियों में रखे 142 करोड़ नगद एक जगह देख आपके होश उड़ जाएंगे

गत 6 अक्टूबर को आयकर विभाग ने हैदराबाद स्थित हेटरो फार्मास्यूटिकल ग्रुप्स (औषधि उद्योग) पर छापे मारे थे. जिसके बाद आयकर विभाग को लगातार वहां से बेहिसाब पैसे मिले हैं. जब भी आयकर विभाग का छापा पड़ता है तो अधिकांश जगहों से पैसे बरामद तो होते ही हैं. लेकिन आयकर विभाग के अफसर तो स्वयं दंग रह गए जब उन्होंने 142 करोड रुपए एक ही जगह पर भरे देखें. यह एक बहुत मोटी रकम है.

यह कंपनी अपने अधिकांश उत्पादों का निर्यात विदेशों में ही करती है. इस कंपनी के मुख्य व्यापारिक संबंध यूनाइटेड स्टेट अमेरिका, यूरोप, दुबई और कई अफ्रीकी देशों में है. कंपनी की विशालता को देखते हुए इतना तो स्पष्ट है ही कि वहां के अधिकारियों के पास में अच्छे खासे पैसे होंगे लेकिन इसका आशय यह तो नहीं कि वह बेहिसाब पैसे अपने पास भर लें.

जांच पड़ताल में आयकर विभाग ने कंपनी के 6 राज्यों के 50 ठिकानों पर तलाशी की है. जहां पर उन्हें बेहिसाब पैसे और खातों की किताबों में भी नकदी का सेट मिला है. जांच पड़ताल में पेन ड्राइव कई कागजी डॉक्यूमेंट और कई डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं जिनमें उनकी धांधली के पुख्ता सबूत हैं.

छापेमारी के दौरान आयकर विभाग ने उनकी फर्जी दवाओं का और गैर मौजूदा कंपनी से की गई खरीद-फरोख्त की गड़बड़ी का भी खुलासा किया है. कंपनी कई समय से डुप्लीकेट दवाएं भी बना रही थी, इसके अलावा कंपनी कई हानिकारक रसायनों का भी प्रयोग कर रही थी.

छानबीन में आयकर विभाग के अफसरों को भूमि खरीद के लिए भुगतान के शौक से भी प्राप्त हुए हैं. जोकि संबंधित सरकारी पंजीकरण मूल्य से नीचे खरीदी गई भूमि है. इनके अलावा अफसरों को कई मोटे व्यक्तिगत खर्चों के भी साक्ष्य मिले हैं. आयकर विभाग ने कुल 16 लॉकर बरामद किए हैं.

आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार उनके एक विशेष खबरी के अनुसार इस औषधि बनाने वाली कंपनी में बड़े स्तर पर घोटाले किए जा रहे थे. उनकी शिकायत के बाद 6 अक्टूबर को एक बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया गया.

इस तलाशी अभियान में अब तक कुल 550 करोड से भी ज्यादा की बेहिसाब आय बरामद हुई है. मामले की लगातार जांच जारी है आयकर विभाग को और धांधली सामने आने की संभावना लग रही है. यह कोई पहली छापेमारी नहीं रही है, परंतु प्रश्न यह है कि एक तरफ तो जनता के पास खाने के भी पैसे नहीं है और दूसरी तरफ ऐसे लोग जरूरत से भी बहुत ज्यादा पैसे दबा कर बैठे हुए हैं.‌