केरल के पलक्कड़ क्षेत्र में एक ट्रेकर बीते सोमवार को पहाड़ चढ़ने की कोशिश करते हुए पहाड़ में ही फंस गया. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बीते सोमवार को एक व्यक्ति आर. बाबू अपने दोस्तों के साथ मालापूजा स्थित चेराद हिल की चढ़ाई करने के लिए पहुंचा.
मुश्किलों का सामना करने के बाद बाबू के दोस्तों ने पहाड़ की चढ़ाई बीच में ही छोड़ दी लेकिन बाबू को ऐसा लग रहा था कि वह पहाड़ की चोटी तक पहुंच जाएगा. जिसके बाद वह चोटी से फिसल गया और दो चट्टानों के बीच फंस गया.
घटना की जानकारी लगने के बाद सेना के सदस्य रात भर चलकर उस लोकेशन पर पहुंचे और सुबह होते ही उन्होंने अपना रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, ड्रोन की मदद से उस जगह का पता लगाया गया जहां बाबू फंसा हुआ था.
पहले बाबू को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करने का प्रयास किया गया लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली क्योंकि हवा काफी तेज थी. आखिरकार मद्रास रेजिमेंटल टीम के दो जवान चेराद पहाड़ी पर 250 फीट नीचे गए.
वह उस जगह पर गए जहां बाबू फंसा हुआ था जिसके बाद उन्होंने बाबू को नीचे ले जाने के बजाय पहाड़ी की चोटी पर ले जाने का निर्णय किया. दोनों जवान बाबू को उठाकर पहाड़ की चोटी तक लेकर गए, जिसके बाद आखिरकार बुधवार सुबह इसकी जान बचाई गई.
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सदस्य के तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल ए. अरुण ने बताया कि बेंगलुरु पैराशूट रेजीमेंट सेंटर की टीम बुलाई गई है इसके साथ ही उनके स्वयं के प्रतिभाशाली हाई एल्टीट्यूड वार फेयर टीम और मद्रास रेजिमेंटल सेंटर वेलिंग्टन के कुछ पर्वतारोही थे जिन्हें माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की थी. इन सभी ने मिलकर योजना अनुसार आर.बाबू की जान बचाई है.
बदकिस्मती से अपने साथ हुए इस हादसे के कारण बाबू को 2 दिन तक खाने पीने के लिए कुछ भी नहीं मिल पाया, शायद उसे बचने की उम्मीद भी छूट गई थी क्योंकि यह काफी विपरीत परिस्थिति थी जब वह नीचे गिरकर पहाड़ी की एक ऐसी दरार में फंस गया था जहां से ना तो ऊपर जा सकता था और ना ही नीचे.