कृष्ण जी की मूर्ति का टूटा हाथ, भक्त लेकर पहुंचा जिला अस्पताल, रोते हुए लगाई इलाज की गुहार

भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्ति भाव का एक अनूठा मामला उत्तर प्रदेश के आगरा से सामने आया है. पास के गांव में भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में पुजारी जी रोज लड्डू गोपाल जी की सेवा करते थे. पुजारी जी रोज सुबह लड्डू गोपाल को नहलातें, उन्हें नए वस्त्र पहनाते और भोग लगाते. लड्डू गोपाल के प्रति भक्त पुजारी जी का समर्पण इतना अधिक था कि वह रात दिन लड्डू गोपाल की सेवा में ही रहते थे. लेकिन हाल ही में 19 नवंबर के दिन सुबह 5:00 बजे जब पुजारी जी अपने लड्डू गोपाल को स्नान करवा रहे थे तभी उनके हाथ से लड्डू गोपाल जी छूट गए और लड्डू गोपाल जी का एक हाथ टूट गया.

पुजारी जी भागते हुए लेकर आए लड्डू गोपाल जी को अस्पताल :-

अपने लड्डू गोपाल का हाथ टूटा हुआ देखकर पुजारी जी लड्डू गोपाल को अस्पताल के लिए लेकर दौड़े. लड्डू गोपाल को हाथ में लिए पुजारी जी लगातार रोए जा रहे थे, वह बार-बार कह रहे थे मुझसे गलती हो गई, मैंने यह कैसे कर दिया? अस्पताल पहुंचने के बाद पुजारी जी लड्डू गोपाल के इलाज की बात करने लगे.

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इस अनूठे मामले को देखकर आसपास के सभी लोग आश्चर्य में पड़ गए. सभी लोग पुजारी जी को यही कहने लगे कि भगवान को चोट नहीं लगती है, तो भगवान का इलाज कैसे किया जा सकता है? कुछ लोगों ने उन्हें नई मूर्ति खरीद लेने की सलाह भी दी. लेकिन हठी पुजारी जी किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं थे.

पुजारी जी बार-बार यही कह रहे थे कि मेरे लाला का हाथ टूट गया है आप उसे भर्ती कर लीजिए. पुजारी जी लड्डू गोपाल के इलाज के लिए पर्ची कटाने के लिए लाइन में भी लग गए, लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं था. जिसके बाद हॉस्पिटल स्टाफ ने पुजारी जी को वहां से जाने के लिए कह दिया. लाइन से हटने के बाद पुजारी जी एक तरफ खड़े होकर जोर जोर से रोने लगे.

उन्होंने पास में लगी रेलिंग पर माथा पटकना शुरू कर दिया. जिसके बाद उन्हें देखने के लिए भीड़ जमा होने लगी, लोग कहने लगे कि पुजारी जी पागल हो चुके हैं. लेकिन पुजारी जी वहां से बिना इलाज के हटने को तैयार नहीं थे. जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टर्स को उस पर दया आ गई, सभी डॉक्टर उनके दया भाव से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने एक कैबिन को ऑपरेशन थिएटर बना लिया.

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डॉक्टर ने पुजारी जी से कहा कि आप पहले जाकर पर्ची कटवा लीजिए. जिसके बाद पुजारी जी लड्डू गोपाल की पर्ची कटवाने दौड़े. मरीज का नाम पूछने पर पुजारी जी ने कहा की “मरीज का नाम है बालकृष्ण उर्फ लड्डू गोपाल, और मैं हूं उसका पिता लेख सिंह.” जिसके बाद डॉक्टर ने प्लास्टिक की सहायता से लड्डू गोपाल का हाथ वापस ठीक किया. इसके साथ ही उन्होंने पुजारी जी की मांग पर कुछ दवाइयां भी लिखी.