मध्यप्रदेश के मुस्लिम मिस्त्री ने स्थापित करवाया ढाई टन का शिवलिंग, बताया बेहद पुण्य का काम

जहां देश में चारों तरफ धर्म के नाम पर करी राजनीति हो रही है और हिंदू मुसलमान जैसी बातें लोगों के जहन में भरी जा रही है वहीं मध्यप्रदेश के मंदसौर से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसके बाद मनुष्य जीव में भेद करने का मन नहीं करता.

दरअसल यहां मध्यप्रदेश के मंदसौर में भव्य शिव मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इसी वजह से यहां ढाई टन का भारी-भरकम शिवलिंग स्थापित करने की तैयारी हो रही थी. यह शिवलिंग इतना महान और भव्य लग रहा था कि हर कोई यह सोच कर परेशान था आखिर इसकी स्थापना कितनी मुश्किल होगी!

कुल 6.50 फीट लंबाई वाला और गोलाकार वाला यह शिवलिंग स्वरूप मंदसौर के प्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ महादेव के मंदिर में स्थापित करना था. जैसा कि जिक्र किया गया है इस शिवलिंग की स्थापना इतनी भी आसान नहीं थी क्योंकि इसे जलाधारी यानी जिलहरी में स्थापित किया जाना था. इंजीनियर्स की समस्या बढ़ गई क्योंकि इतने विशाल शिवलिंग को जिलहरी में आखिर उतारा कैसे जाएं?

जिसके बाद जिला कलेक्टर गौतम सिंह ने इस कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी सहित पीएचई और जिला पंचायत के सभी इंजीनियरों की सहायता ली अफसोस की बात रही कि यह काम नहीं बन सका. हर किसी ने इस बात पर मनाही कर दी. इंजीनियरों की समस्या देखते हुए पास ही कंस्ट्रक्शन वर्क पर मौजूद मिस्त्री मकबूल उनके पास आया और बताया कि वह इस समस्या का समाधान कर सकता है.

हालांकि मिस्त्री मकबूल कोई पढ़ा-लिखा और प्रोफेशनल इंजीनियर नहीं है. लेकिन उसे लंबे समय का खासा अनुभव और गहरी समझ है. जिसके बाद उसने उपाय सुझाया कि जिलहरी में जहां इस शिवलिंग को स्थापित करना है वहां अगर मोटा बर्फ का हिस्सा रख दिया जाए तो जिलहरि को कोई नुकसान नहीं होगा साथ ही बर्फ पिघलने के कारण शिवलिंग इसमें प्रवेश कर जाएगा.

मौके पर मौजूद सभी इंजीनियर की टीम को मकबूल का यह सुझाव काफी दिलचस्प लगा. क्योंकि जिस समस्या के लिए वह काफी दिनों से मशक्कत कर रहे थे मकबूल ने वह समस्या मिनटों में सुलझा दी थी.

जिसके बाद शिव सहस्त्रेश्वर महादेव जलाधारी में स्थापित किया गया. रिपोर्ट्स के साथ बातचीत में मकबूल ने कहा कि अल्लाह ईश्वर सर्वदा एक है और भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित करवाना एक पुण्य का काम है जिसके कारण वह काफी खुश है.