मुस्लिम लड़के से शादी के लिए हिन्दू लड़की ने घरवालों को मना लिया, कार्ड भी छप चुके थे लेकिन..

आजकल हम कई लोगों को दूसरी जाति और धर्मों में विवाह करते हुए देखते हैं. हमारे भारतीय समाज में एक प्रचलित धारणा रही है कि हमें अपनी जाति अनुसार ही विवाह करना चाहिए, हालांकि अब इस परंपरा को कई लोगों ने बदल दिया है. अब यह कितना सही और कितना गलत है? इस बारे में सभी लोगों की अलग-अलग राय है.

लेकिन जब भी कोई इंसान दूसरे धर्म या जाति में शादी करने की बात करता है तो कुछ समय के लिए तो उसके परिवार में कोलाहल मच जाता है. कुछ परिवार जन तो इसे सहमति दे देते हैं लेकिन कुछ तो जिंदगी भर इसे अपनी सहमति नहीं दे पाते. आज हम भी एक ऐसी ही घटना के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसमें हिंदू प्रेमिका और मुस्लिम प्रेमी ने अपने प्रेम को शादी तक पहुंचा दिया था लेकिन अंत में कुछ ऐसा हो गया कि उनकी शादी नहीं हो सकी.

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आइए जानते हैं पूरी घटना को विस्तार से:-

कर्नाटक के मंगलुरू शहर में रहने वाली डॉ मेघा को अपने ही साथ ही एक मुस्लिम डॉक्टर युवक से प्रेम हो गया था. बात आगे बढ़ी और दोनों ने शादी करने का फैसला लिया. कुछ समय तक मेघा को अपने घर वालों को मनाने में मुसीबत का सामना करना पड़ा. लेकिन मेघा ने प्रयास नहीं छोड़े थे और आखिरकार मेघा के घरवालों को उसकी जिद के आगे झुकना पड़ा. घरवाले अब मेघा की मुस्लिम युवक से शादी करवाने को तैयार थे.

शादी के कार्ड छपवा दिये गए:- अब मेघा के घर वालों ने उसकी शादी की पूरी तैयारियां कर ली थी. शादी की तारीख तय कर दी गई जिसके बाद कार्ड भी छपवा लिए गए. इधर चारों तरफ मेघा की शादी की चर्चा होने लगी थी. और इसी बीच मेघा की मुस्लिम युवक से शादी की खबर वहां के संत वज्रदेही महाराज को लगी. बिना किसी निमंत्रण के ही महाराज मेघा से मिलने निकल पड़े.

उन्होंने मेघा को सनातन धर्म की महानता और सौंदर्य के बारे में काफी कुछ बताया. कुछ समय तक तो मेघा ने बात से आनाकानी की लेकिन महाराज ने उसे जिद्द से हटकर सही फैसला लेने के लिए कहा. उन्होंने मेघा को अपने ज्ञान भंडार से खूब सारी बातें बताई. कुछ समय बाद ही संत वज्रदेही महाराज की बातों से मेघा का हृदय परिवर्तन हो गया.

उसने अपने फैसले को वापस लेते हुए कहा शायद अब मुझे मेरी गलती का एहसास हो चुका है. उन्होंने यह शादी करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद उन्होंने अपने हाथ में जल लेकर आचमन भी किया. हालांकि पूरे मामले में लव जिहाद जैसा कोई मामला सामने नहीं आया है. लेकिन फिर भी इस मामले को सुनने के बाद कई लोगों ने युवक पर लव जिहाद करने का भी आरोप लगाया था, लेकिन इस बात की पुष्टि ना तो डॉक्टर मेघा और ना ही उनके परिवार वालों ने की है.