शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) ने कुछ दिन पहले कहा था कि जितनी क्रूरता अफगानिस्तान में है उससे ज्यादा क्रूरता हिंदुस्तान में है। पहले राम राज था लेकिन अब काम राज है। अगर राम से काम है तो ठीक वरना कुछ नहीं। इस बयान के बाद माहौल बिगाड़ने के जुर्म में उन पर ऍफ़.आई.आर. (FIR) हो चुकी है।
इस बयान पर काफी बवाल हुआ था परन्तु अब राणा का कहना है कि वह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से इश्क़ करते है। और तालिबान पर उनके बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। आज तक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए वह बोले कि वह मोदी जी को बहुत पसंद करते है और यही उनकी कमजोरी है वह मोदी जी से इश्क़ करते है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्होंने अवार्ड वापिस किया था तब मोदी जी काफी नाराज हुए थे। लेकिन उनकी माँ के निधन पर उन्होंने राणा को पत्र लिखा था जिससे वह काफी शर्मिंदा हुए थे। राणा मोदी जी के पत्र के बाद उनसे मिलने भी गए और कहा कि जब मोदी जी ने पहले उन्हें बुलाया था।
तब वह आ नहीं सके थे इसके लिए वह काफी शर्मिंदा है। मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) ने यह भी कहा कि अगर “सब का साथ सब का विकास” पर अगर सच्चे तौर पर अमल हो जाए।
तो वह प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्राट अशोक के तौर पर इतिहास के पन्नों में देखना चाहेंगे। ना कि एक दाग-दार प्रधान मंत्री की तरह।
राणा ने अपने बयान की सफाई में कहा कि उन्होंने बयान दिया था परन्तु उसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
तालिबान एक जंगली कॉम है हिंदुस्तान एक मुल्क। अपने बयान से पीछे हट कर मुनव्वर राणा अब प्रधान मंत्री के पक्ष में बोले। उतरप्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह मठ के आदमी है और योगी ही रहते है।
यह भी कहा कि जब शख्स सत्ता में आता है तो हिन्दू, मुस्लिम भूल कर इश्क़ करना सीख लेता है। परन्तु योगी जी यह नहीं कर सके लेकिन अगर वह भी प्रधानमंत्री बन जाए तो शायद यह संभव है।
मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) ने यह भी कहा था कि देश में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है। इस बयान पर उनका कहना है कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा और इनकी पुष्टि के लिए कोई सबूत भी नहीं है। और अल्पसंख्यक का मतलब गरीब होता है ना की सिख, ईसाई या कोई ओर।