मनुष्यों के रहने के लिए तो विभिन्न शहरों में आकाश को चूमती हुई इमारतें दिन-ब-दिन निर्मित हो रही है. किसी को हमारे आसपास के जीवो की चिंता नहीं है कि उनके आशियाने का क्या? सर्दी हो या गर्मी वन्य जीव बाहर तड़पने को मजबूर हैं.
लेकिन राजस्थान के नागौर में एक अनूठी पहल की गई है जहां एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण केवल पक्षियों के रहने के लिए ही किया गया है.
नागौर में बहुमंजिला कबूतर शाला का निर्माण किया गया है जिसमें कुल 7 फ्लोर है. सभी फ्लोर में उपस्थित विभिन्न फ्लैटों में अनुमान के अनुसार 3000 पक्षियों का आशियाना बनाया जाएगा जिसमें 24 घंटे दाना पानी की व्यवस्था रहेगी. कुल 65 फीट ऊंची इमारत का निर्माण अजमेर के चंचल देवी बालचंद्र लुणावत ट्रस्ट ने करवाया है. बताया जा रहा है कि इस ऊंची इमारत की कुल लागत लगभग 8 लाख रुपए है.
इस कबूतर शाला का उद्घाटन 26 जनवरी को जैन समाज के संत द्वारा किया गया है. जानकारी के अनुसार नागौर के पीह गांव में पहले से ही एक ऐसी परियोजना चल रही है जहां पक्षियों के लिए विभिन्न आशियाने बनाए गए हैं. अब इस स्थान पर यह सबसे ऊंची इमारत होगी जो पक्षियों का सबसे लेटेस्ट आशियाना होगा.
जीवो के संरक्षण के लिए जैन संत की प्रेरणा से इस गांव में कुल 2 बीघा जमीन पर दान किए गए एक करोड़ राशि से पार्क, प्रार्थना कक्ष और दाना डालने के स्थान निर्मित किए गए हैं. यहां भोजन करने के लिए भी एक कक्ष मौजूद है और स्थान पर लगभग 400 पेड़ पौधे भी लगाए गए हैं. इस जगह का उद्घाटन 14 जनवरी 2014 को किया गया था.
स्थान की कुल संचालन लागत हर महीने 3 लाख से ज्यादा आती है और प्रत्येक महीने यहां 5 से 6 बोरी धान लगता है. बहुमंजिला इमारत के निर्माण के बाद इस जगह का खर्च भी बढ़ जाएगा.
जानकारी के अनुसार ही सारा कार्य ट्रस्ट के माध्यम से होता है जहां बैंक में इस स्थान के संचालन के लिए 50 लाख की एफडी जमा है, खास बात यह है कि संचालन के लिए यह मूल राशि का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि इससे मिलने वाले ब्याज से ही सारा काम किया जाता है.