हरियाणा के पलवल शहर में 9 अक्टूबर महीने को होडल थाने से “ताराचंद” नाम के एक व्यक्ति के मर्डर का मामला सामने आया था. जिसके बाद लगातार दो महीने से पुलिस इस केस की जांच पड़ताल कर रही है. जिसमें अब तक किसी भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया गया था. लेकिन अब दो महीने बाद इस मर्डर केस की गुत्थी सुलझ गई है. पुलिस के सामने मामले का हैरतअंगेज सच आ गया है.
क्या है “ताराचंद” की हत्या का पूरा मामला ?– होडल क्षेत्र निवासी ताराचंद अपने पास के नर्सिंग होम में काम करता था. वह रोज अपने घर का आना-जाना कर रहा था. लेकिन 9 अक्टूबर को काफी समय बीत जाने के बाद भी ताराचंद अपने घर नहीं लौटा.
जिसके बाद उसके परिवारजनों ने उसकी तलाश शुरू की. परिवारजनों ताराचंद की तलाश कर रहे थे तभी उसके भाई महेश को हसनपुर रोड पर कच्चे रास्ते पर ताराचंद की मोटरसाइकिल खड़ी दिखी. ताराचंद का छोटा भाई महेश मोटरसाइकिल के पास पहुंचा.
तभी उसने देखा की मोटरसाइकिल से कुछ दूरी पर उसका भाई ताराचंद अचेत अवस्था में पड़ा है. ताराचंद के पीठ, मुंह और नाक से बेहद खून बह रहा था. इसका पूरा शरीर लहूलुहान हो चुका था और वह कुछ भी बोलने की हालत में नहीं था.
ताराचंद का छोटा भाई महेश उसे अस्पताल लेकर दौड़ा, जहां कुछ ही समय में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर ने बताया कि ताराचंद की हत्या गोली मारकर की गई है. जिसके बाद ताराचंद का भाई महेश अपने भाई की गोली मारकर हत्या कि शिकायत होडल थाने में लेकर पहुंचा. उसने शिकायत में बताया कि उसके भाई को किसी ने जानबूझकर मार दिया है, जिसके बाद से लगातार ताराचंद का परिवार न्याय की गुहार लगा रहा था.
किसने की थी “ताराचंद” की हत्या ?– लगातार जांच पड़ताल करने के पश्चात ताराचंद के छोटे भाई महेश के कहे अनुसार पुलिस को ताराचंद के भांजे कृष्ण कुमार पर शक हुआ, क्योंकि जांच पड़ताल के दौरान पुलिस के हाथ भांजे कृष्ण कुमार के खिलाफ कई सबूत लगे थे.
जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि ताराचंद की हत्या में कहीं ना कहीं इस भांजे कृष्ण का हाथ है. शक की बुनियाद पर पुलिस ने भांजी कृष्ण कुमार को गिरफ्तार किया. जब उससे पूछताछ की गई तो उसने कबूल किया कि उसने ही अपने मामा का कत्ल किया है.
लेकिन उसने कहा कि यह कत्ल मैंने अकेले नहीं किया है बल्कि मेरी मां में अर्चना भी मेरे साथ थी. जिसके बाद पुलिस ने ताराचंद की पत्नी अर्चना को भी गिरफ्तार किया. पुलिस ने थाने में दोनों से एक साथ पूछताछ की और हत्या का कारण पूछा.
तब कृष्ण कुमार ने बताया कि उसके अपनी मामी के साथ अवैध संबंध चल रहे थे. वह दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे. लेकिन कुछ ही समय में इस बात की भनक ताराचंद को लग गई. जिसके बाद अर्चना ने कृष्ण कुमार को ताराचंद की हत्या करने के लिए कहा. इसके लिए अर्चना ने स्वयं ₹16000 में एक देसी कट्टा खरीदा और कृष्ण कुमार को दे दिया.
अपने प्लान के अनुसार कृष्ण कुमार ने अपने मामा ताराचंद को उस वक्त फोन किया जब वह काम से लौट रहा था. कृष्ण ने अपने मामा को हसनपुर चौक बुलाया और कहा कि जरूरी बात करनी है. जिसके बाद उसने अपने मामा को मोटर साइकिल पर बैठाया और हसनपुर रोड पर कच्चे रास्ते ले गया. वहां जाकर उसने अपने मामा को गोली मार दी, लेकिन उस वक्त ताराचंद की मौत नहीं हुई. ताराचंद नीचे गिर गया और उसके शरीर से खून बहने लगा. कृष्ण कुमार ने उस वक्त वहां से भागना उचित समझा और वह मौके से फरार हो गया.
बरहाल पुलिस ने ताराचंद की पत्नी अर्चना और कृष्ण कुमार दोनों के बयान दर्ज कर लिए हैं और दोनों को हिरासत में ले लिया गया है. दोनों पर अवैध हथियार खरीदने, उनका प्रयोग करने और हत्या करने का केस दर्ज किया गया है. दोनों को कोर्ट में भी पेश किया जा चुका है जिसके बाद जल्द ही उनके खिलाफ कोई कड़ा फैसला आने की संभावना है.