नयी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (National Education Policy 2020) में स्कूल व कॉलेज की शिक्षा नीति बनाई गई है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत विद्यालयों तथा कॉलेजों में होने वाली पढाई की नीति या ढांचा तैयार किया जाता है। प्रधानमंत्री के द्वारा लायी गयी नयी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने का उद्देश्य है।
नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को गत वर्ष 29 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। इस शिक्षा नीति में पूरे 34 साल बाद यह नए बदलाव किये गए। इसरो के प्रमुख डॉक्टर कस्तूरीरंगन भी इस अध्यक्षता में मौजूद थे। इस पॉलिसी के द्वारा स्कूल व कॉलेज की पढ़ाई में कुछ जरूरी व नए बदलाव किए गए है।
जैसा कि हम सब जानते है 10+2 की प्रक्रिया चलती थी। इसको बदल कर अब 5+3+3+4 की नीति लागू कर दी गयी है। कॉलेज व विश्वविद्यालय द्वारा नीतिगत बदलाव करने पर भी जोर डाला जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत सरकार ने 118 कार्य शामिल किए है।
इस योजना में टेस्ट फोर्स का गठन हुआ है व मासिक व त्रैत्मात्सिक आधार पर डेशबोर्ड के द्वारा शिक्षा मंत्री इसकी निगरानी भी करेंगे। इस शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने के लिए यूजीसी (UGC) और एआईसीटीई (AICTE, All India Council for Technical Education) द्वारा विश्वविद्यालय के एनसीसी कोर्स को मंजूरी भी दे दी गयी है।
इस स्टार योजना में छह भारतीय राज्यों को शामिल किया है। यह राज्य है – हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, व उड़ीसा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिक्षा नीति हमारे देश के युवाओं को बाकी देशों के मुताबिक एक कदम और आगे करेगा। इसी नीति के चलते छात्र कोई भी कोर्स चुन सकते है व छोड़ सकते है और अब उन्हें इसी कारण से विदेश नहीं जाना पड़ेगा। यह नीति युवाओं में परीक्षा का डर ख़त्म करेगी।
इसके चलते दूसरे देशों के युवा भारत पढ़ाई करने आएंगे। जबकि अब तक हमारे देश के युवा बहार पड़ने जाते थे। राष्ट्र शिक्षा नीति हर दबाव से मुक्त है। इसके साथ-साथ कई ऐसे फायदे है जो देश को आगे बढ़ने में मदद करेंगे, युवा ही देश का भविष्य है।