रूस इन दिनों भारतीय मीडिया से खासा नाराज दिखाई दे रहा है और इस बात की पुष्टि रूसी विदेश मंत्रालय ने स्वयं की है. हाल ही में रूस कजाकिस्तान और यूक्रेन की तरफ अपने बनाए कदमों के कारण दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है.
इस लिहाज से रूस के कदमों की चर्चा दुनिया भर में मीडिया का मुख्य मुद्दा बना हुआ है. 7 जनवरी को रूस ने अपने पड़ोसी कजाकिस्तान में सैनिक भेजे थे, दरअसल कजाकिस्तान में रूस के द्वारा पीसकीपिंग फोर्स भेजी गई है जो वहां पर आने वाले कई दिनों तक सुरक्षा का काम करेगी.
इसी पर रूसी विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस मुद्दे पर भारतीय मीडिया ने पूरा सच नहीं बताया है और उन्होंने अपनी मनमानी रिपोर्ट पेश कर दी है. रूसी दूतावास ने भी इस बात की जानकारी दी है.रूस ने अपने इस कदम का कारण कजाकिस्तान में स्थिरता लाने को बताया है. क्योंकि कजाकिस्तान में बीते कई दिनों से हालत थोड़े गर्म है.
केवल रूस ही नहीं बल्कि कजाकिस्तान में आर्मेनिया, बेलारूस, किर्गिस्तान और तजाकिस्तान की सेना भी पीसकीपिंग के लिए गई है.अपने यह नाराजगी रूसी विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया के जरिए भी जाहिर की है. इसके बाद ही लगातार 9 जनवरी को भी रूस विदेश मंत्रालय द्वारा भारतीय मीडिया पर दुबारा आपत्ति जताई गई है.
दूसरी बार रूस ने भारतीय मीडिया को यूक्रेन संकट पर तीखी आलोचना करने के लिए ललकारा है. रूस का कहना है कि भारतीय मीडिया ने यूक्रेन संकट पर रूस के रुख को लेकर पक्षपाती तस्वीर छापी है. इसमें यूक्रेन के अधिकारियों का अपमा’नजनक बयान भी छापा है. रूस का यह भी कहना है कि यह रिपोर्ट जाने-माने विशेषज्ञों की राय से अलग है.
रूस का कहना है कि रूस किसी भी देश के लिए ख’तरा नहीं है हम अधिकतम संयम बरतते हैं और हम अपने भाई समान यूक्रेन से लड़ना नहीं चाहते हैं. हमें यूक्रेन को समझाने की कोशिश की है लेकिन हम यूक्रेन सरकार के गलत फैसलों पर पढ़ना नहीं डाल सकते. इसी वजह से रूस ने यूक्रेन सीमा पर भारी मात्रा में सैनिक तैनात कर रखे हैं.