जब अरब देशों की बात आती है तो हमारे दिमाग में सबसे पहले वहां की गर्म रेत आती है. अरब देशों में इतनी ज्यादा गर्मी पड़ती है कि दिन में वहां निकलना भी मुश्किल है. विश्व में सबसे ज्यादा रेगिस्तान भी यही स्थित है.
खासकर सऊदी अरब जैसे देशों में गर्मियों के दिनों में पारा सामान्यतया 50 डिग्री तक पहुंच जाता है. यहां दिन के 12:00 बजे के बाद शाम 5:00 बजे तक बाहर निकलना भी मुश्किल होता है क्योंकि सूरज अपने शोले बरसाता है. यह जगह हमारे राजस्थान के मरुस्थल से भी ज्यादा गर्म है.
अब ऐसी जगहों पर यदि बर्फबारी शुरू हो जाए तो यह कितना अ’जीब दृश्य होगा ? लेकिन सऊदी अरब में नए साल के दिन ही उत्तर पश्चिम क्षेत्र में जमकर बर्फबारी हुई है. बर्फबारी के बाद यह सऊदी अरब कम और स्विट्जरलैंड ज्यादा लगने लगा.
ज्यादातर बर्फबारी सऊदी अरब के उत्तर-पश्चिम में क्षेत्र में जॉर्डन की सीमा के पास हुई है. यहां उपस्थित सभी पहाड़ भी बर्फ की चादरों से ढक गए. इन पहाड़ियों पर मुख्य रूप से खुशबूदार फूलों की खेती की जाती है जिससे इत्र बनाए जाते हैं.
इसके अलावा क्षेत्र बादाम की खेती के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां टूरिस्ट भी भारी संख्या में आते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि एक तरफ तो यहां रेगिस्तान है और दूसरी तरफ यहां बर्फबारी होती है. बर्फबारी के साथ ही सऊदी अरब के मौसम विभाग में यह भी दावा किया है कि आने वाले कुछ दिनों में यहां भारी बारिश की संभावना है.
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बताया जा रहा है कि सऊदी अरब के लगभग 11 शहरों में भारी त’बाही मचाने वाली बारिश की संभावना है. इस वजह से यहां हाई अलर्ट भी जारी किया गया है. लेकिन रेगिस्तान में रहने वाले इन लोगों को इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता, वे तो आजकल बर्फ का आनंद उठाते हुए ही दिख रहे हैं.
बर्फबारी के दौरान यहां लोग गीत गाते हुए और नाचते हुए नजर आए. चिलचिलाती गर्मी के बाद इस आनंदमय सर्दी को देखकर वह बेहद खुश हैं. हालांकि यह किसी प्रकार से अच्छा नहीं बताया जा सकता क्योंकि बदलते मौसम के कारण रेगिस्तान में ऐसा मौसम खतरे की घंटी है.