आपने कभी न कभी तो झोटे सुल्तान के बारे में सुना ही होगा, ऐसा इसीलिए क्योंकि वो कोई आम झोटा नहीं था. हरियाणा में कैथल के बूडाखेड़ा गांव में नरेश बेनीवाल के घर पला सुल्तान झोटा 6 फुट लंबा था और उसका वजन करीब 1.5 टन था. अभी वर्तमान में वो करीब 14 वर्ष का था. लेकिन आखिर वो इतना मशहूर क्यों था?
सुल्तान ने अभी तक कुल 150 अवार्ड जीते थे, उसके मालिक नरेश बेनीवाल का कहना है की सुल्तान को हम जिस भी पशु मेले में हिस्सा दिलाने लेकर गए वो हमेशा जीत कर आया था. उसने पूरे बेनीवाल परिवार को और पूरे गांव को प्रसिद्धि दिलवाई थी. केवल सुल्तान के कारण ही इतने लोगो के बीच में उनके गाँव का नाम आया.
नरेश बेनीवाल को वो अपने बेटे से भी ज्यादा प्यारा था. सुल्तान के सीमन के एक डोज की कीमत 306 रुपये थी, इसके चलते उसका वार्षिक मुनाफा लगभग 1 करोड़ रुपए था. वर्ष 2018 में सुल्तान की 21 करोड़ की बोली लगी थी लेकिन नरेश बेनीवाल ने उसको अपने पास ही रखने का निर्णय लिया तथा नहीं बेचा.
इसी के बाद सुल्तान का तहलका मचा, ना केवल हरियाणा बल्कि पंजाब, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश, कर्नाटक में भी उसका कोई मुकाबला नहीं था. सुल्तान का एक दिन का खर्चा लगभग 2000 रुपए था, क्योंकि वो खाने में भिन्न प्रकार के फल, विशेष एनिमल फूड और शक्तिदायक चीज़ें लेता था.
कई बार उसके विस्की पीने की भी खबरें सामने आई थी. 2018 में सुल्तान को देश का नंबर-1 झोटा घोषित किया गया था. लेकिन बीते दिनों दिल का दौरा पड़ने से उसकी मृत्यु हो गई है, जो की पशु प्रेमियों के लिए बड़ी क्षति है. सुल्तान के जाने से नरेश बेनीवाल का परिवार बहुत दुःखी है.
नरेश बेनीवाल का कहना है कि उसके जैसा कोई नहीं है. उनका कहना है हम कोशिश करेंगे की और कोई अच्छा झोटा तैयार किया जा सके लेकिन कोई भी उसकी टक्कर का तो नहीं हो सकता है क्योंकि सुल्तान उनके परिवार का सदस्य था.