सुशांत सिंह राजपूत और उनके मैनेजर दिशा की आत्म’हत्या को लेकर बड़ा खु’लासा

सुशांत सिंह राजपूत केस में अब 2 साल बाद एक बड़ा मोड़ आ चुका है. लगभग 19 महीने बाद इस केस में कुछ ऐसा सामने आया है जिसने इस केस को काफी हद तक पलट कर रख दिया है.

पिछले दिनों ही महाराष्ट्र में बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने इस बात को लेकर एक बड़ा खु’लासा किया है. इसके अलावा उन्होंने इसके पक्ष में काफी ऐसे सबूत रखें जो उनकी बात को काफी हद तक सही सिद्ध करते हैं.

क्या है नारायण राणे का कहना?

नारायण राणे का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत और उनकी मैनेजर दिशा सालियान हम दोनों ने ही आत्मह’त्या नहीं की है. उनका कहना है कि दोनों की ही ह’त्या की गई है. उनके अनुसार जिस दिन दिशा‌ ने बिल्डिंग से गिरकर अपनी जान दी थी वहां उनके अलावा और भी कोई मौजूद था. नारायण राणे के अनुसार उनका पहले रे’प किया गया उसके बाद उनका म’र्डर हुआ.

उस दिन दिशा को एक पार्टी में बुलाया गया जहां वह नहीं जाना चाहती थी. बाद में किसी ने जानबूझकर उनको धक्का दिया. इसके पक्ष में उन्होंने कहा कि जिस बिल्डिंग में यह सब हुआ वहां का सीसीटीवी कैमरा भी 8 जून से पहले एक दम ठीक था लेकिन उसके बाद की रिकॉर्डिंग एकदम से गायब है. इसके अलावा बिल्डिंग में एंट्री रजिस्टर की एंट्री भी 8 जून के बाद कटी फटी है.

नारायण राणे के अनुसार अपने मैनेजर के साथ हुई इस पूरी घटना की जानकारी सुशांत सिंह राजपूत को लग गई थी. और वह जल्दी ही दोषियों को पकड़वाने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन दोषियों ने अपना भांडा फूटने के डर से सुशांत सिंह राजपूत को भी हटाने की योजना बना ली.

बताया जा रहा है कि जिस दिन सुशांत सिंह राजपूत की ला’श मिली थी उस दिन उनके घर पर एक लाल बत्ती वाली गाड़ी आई थी जिसमें 4 लोग सवार थे. इससे ऐसा लगता है कि इसमें कोई बड़ा पदाधिकारी या मंत्री शामिल है.

नारायण राणे ने तो यहां तक कहा है कि यह लिस्ट खाली सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान तक सीमित नहीं है. यह लिस्ट काफी लंबी है क्योंकि दोषियों ने कई लोगों को अपना निशाना बनाया. नारायण ने पूछा कि सुशांत सिंह का दोस्त रॉय कहां है?

सुशांत सिंह राजपूत के घर में काम करने वाला नौकर सावंत कहां है? उस बिल्डिंग का वॉचमैन भी गायब है. इसके अलावा रमेश मोरे और जयंत जाधव भी अब गायब हो चुके हैं.

हालांकि राणे के पूरे बयान पर सीबीआई ने अब तक पूरी कोई अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन 19 महीनों की अपनी जांच पड़ताल में सीबीआई भी कुछ खास नहीं कर पाई है. उम्मीद करते हैं कि इस पूरे मामले में जो भी हुआ हो वह साफ-साफ लोगों के सामने जल्दी आ जाए.