राजस्थान से यूक्रेन में डॉक्टरी करने गया युवक, अब घर आने की राह में ब्रिज के नीचे गुजार रहा है रात

मात्र कुछ ही दिनों में संसार भर में रूस और यूक्रेन के युद्ध की दह’शत मच गई है. रातों रात ही हालत काफी भ’यावह हो गए हैं और स्थिति आपातकाल में तब्दील हो गई है. लोग समझ नहीं पा रहे हैं आखिर जाए तो जाए कहां?

यूक्रेन की स्थिति भारत के लिए भी काफी महंगी सिद्ध हो रही है क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय नौजवान डॉक्टरी करने के लिए यूक्रेन की ओर रुख करते हैं. कुछ ही दिनों पहले लगभग ढाई सौ विद्यार्थियों को यूक्रेन से भारत वापस लाया गया लेकिन फिर भी वहां भारी संख्या में विद्यार्थी अभी भी फंसे हुए हैं. इनमें राजस्थान के विद्यार्थी काफी संख्या में है.

ऐसी ही बुरी स्थिति में है यूक्रेन के खारक्यू में फंसे अजयपाल. वर्तमान में राजस्थान के नागौर में रह रहा अजय पाल का परिवार मूल रूप से थिरोद गांव का निवासी है. अजय पाल पिछले 3 साल से वहां डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है और अब आपातकाल की इस स्थिति में वह मेट्रो ब्रिज के नीचे रात गुजारने को मजबूर हो चुका है.

अजय पाल 7 महीने पहले ही नागौर में अपने मानसर स्थित घर से यूक्रेन की ओर गया था. घर से निकलते समय वह डॉक्टर बन कर वापस घर आने की सोच रहा था.

अजय पाल का कहना है कि कुछ ही दिनों में वहां की आबोहवा पूरी तरह से बदल गई. अजय पाल ने बताया कि उसने यहां छह सेमेस्टर पूरे कर लिए अब तक पढ़ाई के साथ सारा माहौल काफी अच्छा था लेकिन पिछले कुछ ही समय में राजनीतिक कारणों से युद्ध के हालात पैदा हो गए. वह तो वहां पढ़ने आए थे लेकिन अब माहौल ऐसा हो गया है कि रुकना संभव नहीं है.

अजय पाल की स्थिति उनके पिता शिवदेराम और उनकी माता को सता रही है. पूरे परिजन अजय पाल के जल्द से जल्द घर वापस लौटने की प्रार्थना कर रहे हैं. अजय पाल व्हाट्सएप कॉल पर वहां की स्थिति लगातार अपने परिजनों से बता रहे हैं कि किस कदर वहां डर का माहौल छाया हुआ है और सैकड़ों भारतीय छात्र फंस गए हैं!

अजय पाल का कहना है कि कॉलेज प्रशासन भी उनकी अब सहायता नहीं कर पा रहा है बीते दिन उन्होंने ब्रिज के नीचे गुजारे और उनके खाने-पीने के भी पते नहीं है.