देश में कोरोना संकट के बाद आज लाखों लोग गरीबी रेखा से नीचे भूखमरी अवस्था में आ गए हैं, यानी कोरोना का हाल से पहले जिन लोगों के पास खाना खाने के लिए पर्याप्त पैसे होते थे अब वह भी नहीं रहे.
कोरोना से पहले भी देश की जनसंख्या बड़ी तादाद में सड़कों पर रहने को मजबूर थी, रिपोर्ट के मुताबिक अकेले दिल्ली में लगभग 3 लाख लोग सड़कों पर रहते हैं, कोरोना काल के बाद यह संख्या ज्यादा हो चुकी है.
सड़कों पर रहने वाले लोगों में से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं, इनमें से लगभग 50 फ़ीसदी ऐसे हैं जिन्हें एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता. क्योंकि बाजार में महंगाई अपने चरम पर है और दो रोटी के भी मोटे पैसे वसूले जाते हैं.
लेकिन दिल्ली में एक ऐसा स्टॉल भी है जहां खाने के केवल ₹10 लगते हैं. इस स्टॉल का नाम है सीता जी की रसोई, कॉल यह दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 7 में स्थित है. जानकारी के अनुसार यह ट्रस्ट और एनजीओ द्वारा संचालित है, यहां पर दोपहर 12:00 बजे से 2:00 बजे तक का लंच परोसा जाता है. जिसमें रोटी, दाल और चावल सम्मिलित है.यहां तक कि ₹10 में यहां एक से ज्यादा बार भी खाना लिया जा सकता है, इसीलिए यह आसपास के निर्धन लोगों में प्रसिद्ध है.
ऐसे ही एक योजना राजस्थान सरकार ने भी 20 अगस्त 2020 को लागू की थी, जिसका नाम है “इंदिरा गांधी रसोई योजना”. जिसमें गरीब और निर्धन लोगों को सस्ते दामों पर खाना मुहैया कराया जाता है, यहां प्रत्येक व्यक्ति को लगभग ₹8 में भरपेट खाना मिल जाता है.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य “कोई भी भूखा ना सोए” है. वर्तमान में यह 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों के माध्यम से संचालित है, भविष्य में और इसके अधिक विस्तार की योजना चल रही है.