भारतीय समाज में शादी के दौरान लड़की के साथ अक्सर उसकी बहनें या भाभियां उसके ससुराल आती है. ऐसा इसलिए क्योंकि नई नवेली दुल्हन एकदम से अपने ससुराल वालों के साथ घुल मिल नहीं पाती ऐसे में उसकी बहनें या भाभीयां उसकी सेटल होने में मदद करती है. लेकिन इनका रोल भी शादी की रस्मों तक ही होता है.
ऐसे में क्या आप सोच सकते हैं कि नवविवाहित दंपत्ति के साथ सुहागरात के समय लड़की का परिवार जन आकर बैठ जाए? शायद आपने कभी ऐसी परंपरा के बारे में सुना भी नहीं होगा लेकिन यह बात बिल्कुल सच है कि एक जगह यह परंपरा निभाई जाती है जहां सुहागरात के समय लड़की की मां दूल्हा दुल्हन के साथ आकर सो जाती है.
वैसे यह परंपरा हमारे देश में नहीं निभाई जाती है लेकिन फिर भी इसकी चर्चा अक्सर होती है. बता दें कि यह परंपरा अफ्रीका के कुछ गांवों में है जिनका बखूबी पालन किया जाता रहा है. लेकिन आखिर इसके पीछे की वजह क्या है?
अगर बात करें इसके कारणों के बारे में तो एक वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार लड़की की मां सुहागरात के समय दूल्हा दुल्हन के साथ इसलिए सोती है ताकि वह बता सके कि उन्हें अपना शादीशुदा जीवन कैसे शुरू करना है! हालांकि सुनने में यह काफी मजाकिया लगता है लेकिन इस परंपरा को निभाया जाता है.
इस समय के दौरान लड़की की मां वैवाहिक जीवन से जुड़ी हर बात नव दंपत्ति को बताती है. केवल इतना ही नहीं सुहागरात के अगले दिन बुजुर्ग महिला घर के लोगों को यह बात भी बताती है कि उसने किस प्रकार से नव दंपत्ति को जीवन जीना सिखाया और उन्होंने नई शुरुआत ठीक से की या नहीं ?
इस परंपरा को निभाने के पीछे की भावना अच्छी हो सकती है लेकिन सच्चाई तो यही है कि यह परंपरा काफी अ’जीब है. ऐसा लगता है कि शायद इस परंपरा को निभाने वाले लोग शादी से पहले अपनी बेटी को किसी प्रकार की जिम्मेदारी समझाना ही नहीं चाहते. वह केवल शादी के पश्चात ही अपना कर्तव्य निर्वहन करते हैं!