दही का गुणगान तो हम चारों तरफ सुनते ही हैं, हर कोई हमें सलाह देता है कि हमें अपने भोजन में दही का सेवन जरूर करना चाहिए. ना केवल दही का बल्कि दूध, पनीर और अन्य डेयरी उत्पाद भी पोषण के स्रोत हैं इसलिए हमें इनका उपयोग नित्य करना चाहिए. लेकिन कई लोग डरते हैं कि जिन्हें हार्ट की समस्या है या उन्होंने हार्ट की समस्या से संबंधित कोई ऑपरेशन करवाया हुआ है.
यदि वह दही का सेवन करें तो उनके लिए कितना लाभदायक है? कई लोग इस बारे में कहते हैं कि जिन्हें दिल से संबंधित कोई बीमारी है उन्हें दही का सेवन नहीं करना चाहिए. इसका कारण यह है कि दही में एक अच्छी मात्रा में वसा पाई जाती है. और जिन्हें दिल की समस्या है उन्हें हमेशा कोलेस्ट्रोल से बच कर रहना पड़ेगा.
दिल के मरीज हमेशा अपने कोलेस्ट्रॉल को लेकर चिंतित रहते हैं. सीधी सी बात है दूध में जितना कोलेस्ट्रोल होगा उतना दही में भी होगा तो दही का सेवन करें या ना करें? वास्तव में हमारा दूध जितना गाढ़ा होगा हमारे दही में भी उतना ही कोलेस्ट्रोल मिलेगा. दूध कई प्रकार के होते हैं जैसे गाय का दूध, भैंस का दूध बाजार में और भी कई प्रकार के दूध उपलब्ध हैं.
जैसी हमारे दूध की क्वालिटी होगी हमारे दही की क्वालिटी भी वैसे ही होगी. लेकिन एक बात अटल सत्य है कि दूध और दही में प्रोटीन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. हम सभी जानते हैं कि हमारे शरीर के लिए प्रोटीन और विटामिन बेहद आवश्यक है इसलिए हर किसी को इनका सेवन आवश्यक रूप से करना चाहिए.
जिन्हें दिल से संबंधित बीमारी है उन्हें 1 दिन में 200 ग्राम से 300 ग्राम तक दूध और दूध से बने उत्पाद लेने की सलाह दी जाती है. लेकिन शर्त यह है कि वह दूध ऐसा उपयोग करें जिनमें फैट कम से कम हो. यदि आपके दूध में फैट ज्यादा है तो आप उसे 5-6 बार गर्म करके उससे मलाई निकाल लीजिए, ऐसा करने से दूध का सारा फैट बाहर निकल जाएगा.
उसके बाद दूध में शेष केवल प्रोटीन और विटामिन ही बचेंगे. दूध में से फैट निकालने का आशय यह नहीं है कि आप दूध में ज्यादा पानी मिला दे, दूध में पानी मिलाने से उसके फैट के स्तर में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और ना ही ऐसे दूध का दही खाने से हमें कोई लाभ मिलता है. हमें एक केवल सामान्य दूध से मलाई निकालनी है.
आजकल बाजार में वैसे तो कई प्रकार के बिना फैट वाले दूध मिलते हैं लेकिन उनमें कई प्रकार के हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते ही हैं. इसलिए आप अपने उत्तम स्वास्थ्य के लिए घर के दूध का ही प्रयोग करें, और उसे चार पांच बार गर्म करके उसमें से मलाई निकाल ले. हालांकि ऐसा दही अपेक्षाकृत थोड़ा पतला जमेगा लेकिन उसमें कोई दोष नहीं है.
अपेक्षाकृत थोड़ा पतला दही खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए फैट वाला दही खाने से ज्यादा उत्तम है. दही में ऐसे कई प्रकार के मिनरल और विटामिंस होते हैं जो हमें अन्य कई प्रकार के विकारों से बचा देते हैं. इसलिए निश्चिंत होकर आप दही का सेवन कीजिए बस दही की क्वालिटी का ध्यान रखिए.