गिलोय एक तरह की बेल (लता) होती है। गिलोय की बेल आमतौर पे देखा जाए तो किसी पेड़, दीवार या खेतों की मेड़ के सहारे लिपट कर बड़ी होती है। गिलोय का सेवन इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बहुत मददगार होता है। ये बॉडी को बैक्टिरया से होने वाले रोगो से सुरक्षित रखता है। चाहे किसी भी तरह का बुखार हो गिलोय का इस्तेमाल आराम दिलाता है।
गिलोय का काढ़ा कैसे बनाये-
वैसे तो बाजार में गिलोय का ज्यूस मिल जाएगा आपको, उसका सेवन कर सकते हो। लेकिन ताज़ी गिलोय का घर पर ही काढ़ा बनाकर पीना सबसे बेहतरीन है। गिलोय का काढ़ा बनाना बहुत आसान है, इसे आप घर पर ही बना सकते है। गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए इसका तना (गिलोय की डाली) काम में लिया जाता है। गिलोय के अधिकतर औषधीय गुण इसके तने में मौजूद होते हैं। गिलोय के ताज़े तने को कूटकर रख ले। अब 2 गिलास पानी में कुटी या पीसी गिलोय डालकर उबालें। उसे तब तक उबालें जब तक वो पानी आधा न रह जाए। अब गिलोय के इस काढ़े को छानकर पी लें।
गिलोय का सेवन कैसे करें-
गिलोय के काढ़े का स्वाद पीने में कड़वा होता है तो आप काढ़ा बनने के बाद इसमें शहद मिला कर भी पी सकते है। यदि आपको ज्यादा कड़वा नहीं लगता है तो आप बिना शहद के पी सकते है। डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को शहद मिला कर नहीं पीना चाहिए। बीमार व्यक्ति को गिलोय के काढ़े का सेवन दिन में दो से तीन बार करना चाहिए। गिलोय के काढ़े की मात्रा एक कप या एक गिलास हो सकती है। स्वामी बाबा रामदेव तो सुबह सुबह चाय की जगह गिलोय के काढ़े का सेवन करने की सलाह देते है।
गिलोय के लाभ-
- गिलोय का सेवन कई तरह की बीमारियों में क्या जाता है।
- गिलोय का सेवन करने से हमारा इम्मूयन सिस्टम मजबूत होता है।
- गिलोय के सेवन से सांस से जुडी बीमारियों जैसे दमा और खांसी में काफी राहत मिलती है।
- गिलोय के सेवन से पाचन तंत्र बेहतर बनता है।
- डायबिटीज और मोटापे से ग्रसित व्यक्तियों के लिए गिलोय का काढ़ा बहुत असरकारक है।
- जिनका इम्मूयन सिस्टम कमजोर है, बार बार सर्दी जुखाम लग जाती है उनके लिए गिलोय का सेवन बहुत फायदेमंद है।