खर्राटे लेना अब लगभग सभी लोगों की एक आम आदत बन गई है. लोगों को लगता है कि यह बेहद आम बात है लेकिन वास्तव में खर्राटे लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है.
जब हम सांस अंदर लेते हैं और छोड़ते हैं तो हमारे शरीर की गर्दन एवं सिर के कोमल उत्तकों में कंपन उत्पन्न होता है. जब सांस नाक से होते हुए टॉन्सिल तक जाती है तो हवा का मार्ग लगभग सीधा रहता है.
इस दौरान यह मार्ग कुछ संकरा भी हो जाता है जिस वजह से इसमें जोर पड़ने के कारण हमें खर्राटे आते हैं. खर्राटे लेने से आस पास सोने वाले लोगों को भी दिक्कत महसूस होती है और कई बार यह हमारे उपहास का कारण भी बन जाता है.
कैसे बचाव किया जा सकता है खर्राटों की समस्या से:– यदि आप खर्राटों की समस्या से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको शराब से दूरी बनानी होगी. इसके अलावा आप सीधा सोने के बजाय एक तरफ लेट कर सोने का प्रयास करें.
यदि आपका वजन ज्यादा है तो आवश्यक रूप से आपको अपना वजन कम करना पड़ेगा क्योंकि शरीर में अतिरिक्त चर्बी के कारण ज्यादा खर्राटे आते हैं. इसके अलावा सोने से पहले आप अपना नाक साफ करके सोए, बाजार में आज कई ऐसे उपकरण भी है जिनकी मदद से खर्राटों में कमी आती है.
खर्राटों से बचाव इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि खर्राटे हमारे शरीर में कई बीमारियों को न्योता दे देते हैं. धीमे धीमे खर्राटे हमारे शरीर में कई बीमारियां पैदा कर देते हैं.
रिसर्च में सामने आया है कि ज्यादा खर्राटे लेने वाले लोगों में ध्यान लगाने की कमी होती है. इसके साथ ही साथ उन्हें दिन में महत्वपूर्ण कामों के समय भी झपकी आने की संभावनाएं ज्यादा होती है, जैसे कि ऐसे लोग गाड़ी चलाते वक्त भी जबकि मार लेते हैं.
ज्यादा खर्राटे लेने वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है. इसी वजह से उन्हें दिल का दौरा पड़ने की संभावना भी ज्यादा होती है ऐसे लोगों में स्ट्रोक का खतरा भी पाया जाता है.