मोबाइल आज के समय में हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। मोबाइल के फ़ायदे तो हम सभी जानते है। मोबाइल एक ऐसा साधन है जिससे हम एक दूसरे के साथ जुड़े रहते है फिर चाहे अगला शख्स दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो। दुनिया की हर सुविधा का आनंद हम घर बैठे अपने फ़ोन के कारण ले सकते है। हमारे जिंदगी की हर मुसीबत को आसन करने में फ़ोन एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब फ़ोन का आविष्कार हुआ था तब किसी ने नहीं सोचा था कि आगे चलकर यह अपनी इतनी अहमियत बना लेगा की इसके बिना हम कोई भी काम पूरा नहीं कर पाएंगे।
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हर सिक्के के 2 पहलू होते है उसी तरह मोबाइल के जितने लाभ है उतनी हानि भी है। आज मोबाइल फ़ोन हमारे सुकून के दुश्मन बन गए है। जितना मोबाइल ने हमारी जिन्दगी को आसान बनाया है उतना ही उलझा भी दिया है। हम धीरे धीरे इंसान नहीं बल्कि यह मशीन में तबदील होते जा रहे है। कई लोग तो इसके नुक़सानों के बारे में जानते ही नहीं है और जिनको इस बारे में पता है वह भी इस बात को हलके में छोड़ देते है। मोबाइल के कारण हम भयानक बीमारियों के शिकार भी होते जा रहे है। जैसे कि-
मोबाइल डिप्रेशन
आज के समय में हर कोई इस बीमारी का शिकार है। अगर आप हर 15 मिनट में अपना फ़ोन चलाते है या आप बिलकुल अपने फ़ोन के बिना नहीं रह पाते है। तो समझ जाए कि आप मोबाइल डिप्रेशन के शिकार हो चुके है। यह बीमारी आपको मानसिक स्थिति से कमजोर बनाती है और आप के सोचने समझने की क्षमता भी कमजोर होने लगती है।
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जिससे बचने का सिर्फ एक ही रास्ता है कि इसका इस्तेमाल कम से कम करें। केवल जरूरत के समय ही फ़ोन चलाए। सोते समय ध्यान रखे की आपका फ़ोन साइलेंट पर हो ताकि आपकी नींद ख़राब न हो। नींद पूरी न होने से आप मानसिक और शरीक रूप से कमजोर होने लग जाते है। यह बीमारी इतने धीरे-धीरे बढ़ती है जिसका आपको एहसास भी नहीं होता है। तो ध्यान रखे की कई आप मोबाइल डिप्रेशन का शिकार न हो जाए।
फैंटम पॉकेट वाइब्रेशन सिंड्रोम
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मोबाइल के आदी हो जाने के कारण हम बिलकुल भी मोबाइल से दूर नहीं रह पाते। यदि आपको यह महसूस होता है कि आपका फ़ोन आपकी पॉकेट में वाइब्रेट हो रहा है। जबकि ऐसा नहीं होता है तो समझ जाए की अब आपको ध्यान देने की सख्त जरूरत है। क्योंकि अब आप “फैंटम पॉकेट वाइब्रेशन सिंड्रोम” नाम की बीमारी का शिकार हो रहे है। इससे बचने के लिए फ़ोन को जेब में न रखा करें, इसे या तो हाथ में या बैग में रखने की आदत बना ले। सबसे बेहतर तो यही होता है जितना हो सके फ़ोन से दूरी बना के रखे।
इंसोमेनिया
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अच्छी नींद का आना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। रात को नींद पूरी न होने के कारण शरीर और दिमाग में थकान बनी रहती है और साथ ही साथ बहुत कमजोरी भी रहती है। जिसके कारण हम दिन भर अपना काम अच्छे से नहीं कर पाते है। इससे हमें काफी सारी शारीरिक बीमारियों का सामना भी करना पड़ जाता है। यह भी देखा गया है जो लोग ज्यादा फ़ोन चलाते है उन्हें बुरे सपने बहुत ज्यादा आते है। यदि यह बीमारी ज्यादा बढ़ जाए तो फ़ोन छोड़ने के बाद आपको सर दर्द और चिड़चिड़ापन भी महसूस हो सकता है।
पेट का इन्फेक्शन
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यह बात आपको चौंका देगी कि फ़ोन पर ज्यादा समय व्यतीत करने से आपको पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। अगर आपको खाना खाते समय फ़ोन चलाने की लत है तो इसे जल्द से जल्द छोड़ दे। नहीं तो बहुत सी हानिकारक बीमारियाँ आपका इंतज़ार कर रही है।
तनाव एवं डिप्रेशन
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ज्यादा फ़ोन का इस्तेमाल करने से चिंता ,तनाव व डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। बड़े तो बड़े, छोटे-छोटे बच्चों को भी तनाव रहता है। इसकी एक मात्र वजह यही है कि वह ज्यादातर समय फ़ोन में लगे रहते है। इसी कारण से वह न ही पढ़ाई में ध्यान दे पाते है और न ही खेल कूद के लिए समय निकाल पाते है।
सुकून से अपने बचपन का आनंद लेने की बजाय बच्चे फ़ोन में लगे रहते है। इस से बचने के लिए अपने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करें और उन्हें फ़ोन से दूर रखे। शुरुआत में यह सब मुश्किल हो सकता है परन्तु आगे आने वाले भविष्य को अच्छा और स्वस्थ बनाने के लिए आज जागरूक होना जरूरी है।