जहां देश में पिछले कुछ वर्षों से सस्ती राजनीति हावी हो चुकी है और लोग केवल धर्म की राजनीति करने पर उतारू हो चुके हैं. चारों तरफ ऐसे कई लोग समाज पर हावी हो चुके हैं जो हिंदू और मुसलमानों के बीच अलगाव पैदा करके उन्हें लड़ाने की कोशिश करते रहते हैं.
लेकिन इसी बीच धार्मिक सद्भावना का एक अनोखा उदाहरण उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से सामने आया है. जिसमें एक दुकान पर हिंदू और मुसलमान दोनों मिलकर काम करते हैं और आपसी सद्भावना के साथ दुकान चलाते हैं. जैसे जैसे लोगों को इसकी जानकारी हो रही है हर कोई इनकी इस सद्भावना से प्रेरणा ले रहा है और आपसी प्रेम के लिए उदाहरण दे रहा है.
यह दुकान अलीगढ़ में तस्वीर महल के एक ट्रैफिक सिग्नल के पास है. जो एक प्रकार की कैंटीन है और वर्तमान में प्रेस क्लब द्वारा संचालित है. इसमें सैफुद्दीन और रमेश चंद्र नामक दो व्यक्ति मिलकर काम करते हैं. रमेश चंद्र पंडित है और सैफुद्दीन मुसलमान.
सैफुद्दीन का कहना है कि पंडित जी छोले भटूरे के कारीगर हैं और हम दोनों भाई की तरह मिलकर यह काम करते हैं. इस दुकान में पकौड़ीयां और छोले भटूरे मिलते हैं और यह काफी प्रसिद्ध भी है. सैफुद्दीन और रमेश चंद्र दोनों मिलकर ग्राहकों की सेवा करते हैं और उन्हें चाय नाश्ता देते हैं.
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आसपास के लोगों का भी कहना है कि इन दोनों के बीच का आपसी प्रेम एक अलग ही प्रकार का है और ऐसा आज तक कहीं भी नहीं देखा गया है. लंबे समय से मुल्लाजी और पंडित जी मिलकर काम कर रहे हैं और आज तक इनके बीच किसी प्रकार का अलगाव भी नहीं हुआ है. दोनों परिवार की तरह मिलजुल कर रहते हैं और हिंदू मुसलमान जैसी किसी बात से प्रेरित नहीं है.
मुल्लाजी का भी कहना है कि रमेशचंद्र मेरे भाई जैसे हैं और मुझे उनके साथ काम करते हुए कभी कोई तकलीफ नहीं आई. ग्राहक भी इनसे काफी संतुष्ट है और यहां नाश्ता करने वालों का भी तांता लगा रहता है. यह काफी बढ़िया संदेश है और धार्मिक सद्भावना और शांति हेतु प्रेरित करता है.