2004 की सु’नामी किसको नहीं याद? मुख्य रूप से इसमें तमिलनाडु का नागापटनम जिला सबसे ज्यादा प्रभावित था. इस भ’यंकर प्राकृतिक त’बाही में 10,000 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवां दी थी.
पानी भरी इस त्रा’सदी में अनेकों घर बह गए, बहुत से लोग ऐसे थे जिनके मृत शरीर तक नहीं मिल सके. इस त्रा’सदी में अनेकों बच्चे अनाथ हो गए, उनमें से एक थी 5 साल की सौम्या जिसने इसे सु’नामी में अपने माता पिता को खो दिया था.
सु’नामी के समय यह छोटी बच्ची सौम्या वेलांकन्नी एक मलबे से पाई गई थी. त’बाही के कारण राज्य सरकार ने वैलीपलयम में अनाथ बच्चों के लिए एक चिल्ड्रन होम खोला था जिसमें सु’नामी से प्रभावित अनाथ बच्चों को लाया गया.
सौम्या भी उन्हीं बच्चों के साथ इस ग्रुप में लाई गई थी. उस समय तमिलनाडु के हेल्थ सेक्रेट्री जय राधाकृष्णन (IAS officer J Radhakrishnan) ने सौम्या की देखभाल और पढ़ाई का जिम्मा लिया था.
उस समय उन्होंने वादा किया था कि वह समय की पढ़ाई लिखाई का पूरा ध्यान रखेंगे और अपने वादे के अनुसार उन्होंने सौम्या को एमडीएम कॉलेज से बी ए इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करवाई. पढ़ाई लिखाई पूरी करवाने के बाद अब सौम्या 22 वर्ष की हो चुकी है जिसके बाद राधाकृष्णन ने उनकी शादी टेक्नीशियन के. सुभाष से तय करवाई.
बीते मंगलवार को सौम्या की शादी का विधि विधान से आयोजन किया गया इसमें मुख्य रूप से राधाकृष्णन (IAS officer J Radhakrishnan) ने अपने पिता के तौर पर भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि सौम्या सिर्फ मेरी ही नहीं बल्कि पूरे नागापटनम की बेटी है उसकी शादी हो गई है यह मेरे लिए खुशी और गम दोनों का मौका है.
गौरतलब है कि सु’नामी के बाद ही आई. एस. राधाकृष्णन(IAS officer J Radhakrishnan) नागापटनम अक्सर आया जाया करते थे और इस चिल्ड्रन होम में बच्चों से मिलने पहुंचते इसके अलावा वह उनकी जरूरतों के अनुसार व्यवस्था करने का भी प्रयास करते थे.