कम उम्र में भी हर किसी की आर्थिक परिस्थितियां समान नहीं होती, बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्होंने बेहद कम उम्र में इतना संघर्ष किया है कि हम सोच नहीं सकते. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको बचपन में ही करोड़ों रुपए मिल जाते हैं.
लेकिन जिनकी आर्थिक परिस्थिति खराब है यदि वह कड़ी मेहनत और लगन से काम करें तो शायद खुदा भी उनकी हसरत को मंजूर करने से मना नहीं कर सकता. मेहनत के बल पर उनके सारे सपने साकार हो सकते हैं, और इस बात को सच कर दिखाया है कभी झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली शाहिना अत्तरवाला ने.
शाहिना की कहानी काफी ज्यादा प्रेरणादायक है क्योंकि एक जमाना था जब शाहिना झुग्गी झोपड़ियों में निवास किया करती थी, और सबसे दिलचस्प बात यह है कि आज वर्तमान में शाहिना माइक्रोसॉफ्ट में काम कर रही है. आज वह मुंबई के एक बड़े अपार्टमेंट में रहती है.
शाहिना ने अपनी कहानी सोशल मीडिया पर तक शेयर की जब उन्होंने नेटफ्लिक्स पर एक वेब सीरीज में अपना पुराना घर देखा. उन्होंने नेटफ्लिक्स पर बैड बॉय बिलियनर्स इंडिया अपनी झुग्गी झोपड़ी की तस्वीरें देखी तब उन्होंने अपनी कहानी बताई.
उन्होंने कहा कि इस तस्वीर में जो घर है उन्ही में से एक मेरा भी हुआ करता था उस समय वह बेहतर टॉयलेट की सुविधा भी उपलब्ध नहीं थी.
मेरा परिवार उत्तर प्रदेश से मुंबई आया था और मेरे पिता एक रेडी़ लगाते थे. हमारी आर्थिक स्थिति काफी खराब थी और हम झुग्गी में ही रहते थे, यह झुग्गी बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास थी. इस दौरान हमारे साथ खूब भेदभाव छेड़छाड़ हुई. 15 साल की उम्र तक मैंने सताए हुए लोगों की तरह जिंदगी जी.
जिसके बाद मैंने अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की और कंप्यूटर कोर्स करने का निश्चय किया. मेरे पिता के पास पैसे नहीं थे इसलिए उन्होंने मुझे कंप्यूटर कोर्स कर्ज लेकर करवाया था, उसमें हम दोपहर का खाना भी नहीं खाते थे और पैसे बचाने के लिए क्लास से घर तक पैदल चलकर आते थे. स्थितियां काफी खराब थी लेकिन अब ऐसा नहीं है, अब वह माइक्रोसॉफ्ट में प्रोडक्ट डिजाइन मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं और उन्होंने अपनी सपनों की दुनिया बना ली है.