1945 में गुजरात के मेहसाणा गांव में एक बेहद सामान्य किसान परिवार में जन्में करसन भाई पटेल आज अरबों की संपत्ति के मालिक हैं. आज उनके पास लगभग 4 बिलियन डॉलर की संपत्ति है. लेकिन एक सामान्य किसान के बेटे से एक सफलतम बिजनेसमैन का उनका यह सफर भी कुछ आसान नहीं रहा होगा.
करसन भाई पटेल ने अपनी पढ़ाई अहमदाबाद से पूरी की थी और यहीं उन्होंने एक प्राइवेट नौकरी करनी शुरू कर दी, कुछ ही समय में इन्हें लैब असिस्टेंट की एक सरकारी नौकरी मिल गई. करसन भाई ने अपनी स्नातक बीएससी में की थी और इन्हें रसायन में खास रुचि थी. करसन भाई को सरकारी नौकरी तो मिल गई थी लेकिन इन्हें जीवन में कुछ बड़ा करना था.
इसी वजह से करसन भाई रोज अपनी नौकरी के दौरान अपने घर पर नए-नए रसायन के प्रयोग करते, जल्द ही उन्होंने एक सस्ता-सुंदर वाशिंग पाउडर तैयार कर लिया. यह 1968 का दौर था जब एक तरफ और करसन भाई कड़ी मेहनत कर रहे थे और दूसरी तरफ उनकी छोटी सी एक “निरुपमा” नाम की बेटी एक्सीडेंट में निधन हो गया.
निरुपमा को करसनभाई निरमा कहकर बुलाया करते थे और उससे बेहद प्यार करते थे. करसन भाई का सपना था कि उनकी बेटी जीवन में कोई बड़ा मुकाम हासिल करें लेकिन वह इस दुनिया में अब नहीं थी. अपनी बेटी की याद में करसन भाई ने अपने डिटर्जेंट का नाम भी निरमा रखने की सोच ली, क्योंकि वह उसके नाम को अमर करना चाहते थे.
उस दौर में 1 किलो वाशिंग पाउडर ₹13 का आता था लेकिन करसन भाई ने निरमा वॉशिंग पाउडर को ₹3 में किलो के हिसाब से बेचना शुरू किया. यह 1969 का दौर था जब करसन भाई अपनी नौकरी के बाद साइकिल पर घर-घर वॉशिंग पाउडर बेचने जाया करते थे. कुछ ही समय में उनका सस्ता और बढ़िया वॉशिंग पाउडर लोगों में लोकप्रिय हो गया, 1972 तक लगातार कड़ी मेहनत की.
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1972 में करसन भाई ने अपनी नौकरी छोड़ दी और निरमा वॉशिंग पाउडर की एक दुकान खोल ली. उस समय लोग उन पर खूब हंसे थे लेकिन देखते ही देखते 1985 तक निरमा वाशिंग पाउडर देश की सबसे बड़ी और लोकप्रिय डिटर्जेंट कंपनी बन चुकी थी.
आज का करसन भाई ने अपनी मेहनत और बलबूते पर अपनी कंपनी को एक बड़ा नाम दे दिया है, उन्होंने अपनी बेटी के नाम को भी लोगों के जरिए अमर कर दिया है क्योंकि जब भी उनकी कंपनी का नाम लिया जाएगा उनकी बेटी को जरूर याद किया जाएगा.