बैंक के लॉकर में सभी लोग अपना कीमती सामान और गहने रखने जाते हैं. आप भी अक्सर बैंक के लॉकर में अपना बे’शकीमती सामान रखने गए होंगे. लेकिन सोचिए आप बैंक के लॉकर में अपना सामान रखने जाए और वहां आप को बंद कर दिया जाए! तो क्या गुजरेगी आप पर?
वह भी तब जब आप की उम्र काफी ज्यादा है और आपको उठने बैठने में भी तकलीफ होती हो. ऐसे में बैंक के लॉकर में अकेले रात भर घंटे आप कैसे बिताएंगे! सीधी सी बात है यह कोई आसान काम नहीं रहेगा और यदि ऐसा किसी के भी साथ होता है तो यह पूर्ण रूप से सरकारी ला’परवाही मानी जाएगी. लोगों की सहायता करने के लिए बनाई गई बैंक उनके क’ष्ट का कारण नहीं होनी चाहिए.
लेकिन ऐसा हुआ है हैदराबाद में एक 85 साल के बुजुर्ग के साथ. जहां उन्हें पूरी रात लॉकर में बंद कर दिया गया लेकिन सुबह ब्रांच खोलने के बाद बाहर निकाला गया. बताया जा रहा है कि बैंक स्टाफ की गलती की वजह से ही यह म’धुमेह और अन्य कई बीमारियों से पीड़ि’त वृद्ध पूरी रात लॉकर में रहने को मज’बूर हो गया.
जहां जानकारी के अनुसार बुजुर्ग कृष्णा रेड्डी शाम को लगभग 4:30 बजे बंजारा हिल्स इलाके में यूनियन बैंक में अपना कुछ कीमती सामान लेने गए थे. जिन के सत्यापन के बाद बैंक कर्मचारी ने उन्हें लॉकर रूम में भेज दिया. कृष्णा रेड्डी वहां अपने सामान के पास ही थे तभी अचा’नक सुरक्षा कर्मचारियों ने लॉकर के अंदर बिना देखे ही बैंक को बंद कर दिया और सब घर चले गए.
इसी बीच कृष्णा रेड्डी के परिवार वालों को भी उनकी चिं’ता होने लगी और उन्होंने उनकी त’लाश करनी शुरू कर दी. उन्होंने जुबली हिल्स पुलिस में संपर्क किया और वहां शिकायत भी दर्ज करवाई. लेकिन कृष्णा रेड्डी उन्हें कहीं नहीं मिले.
जिसके बाद अगले दिन 10:00 बजे जब बैंक खुला तो उन्होंने बुजुर्गों को बैंक में पाया. इस दौरान बुजुर्ग की तबीयत भी काफी खराब हो गई और वह स’दमे की स्थिति में पहुंच गए. जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. बरहाल कृष्णा रेड्डी के परिवार वालों ने बैंक कर्मचारियों पर ला’परवाही का आ’रोप लगाते हुए शिका’यत द’र्ज करवाई है.