आज हम डेरी मिल्क, किटकैट, फाइव स्टार जैसी सामान्य चॉकलेट्स बाजार में बिकते हुए देख सकते हैं. इनके अलावा भी आजकल कई पॉपुलर चॉकलेट ब्रांड अस्तित्व में आ रहे हैं. चॉकलेट का सेवन सेहत के लिए भी अच्छा बताया जा रहा है. विशेषज्ञों का यह भी दावा है कि डार्क चॉकलेट शरीर का दर्द कम करती है और यह हार्ट अटैक की संभावना को भी घटाती है.
इस प्रकार से कुल मिलाकर हमने अब तक मीठी चॉकलेट्स का मजा लिया है. लेकिन क्या आप चॉकलेट में नमक मिर्ची डालकर खाने का सोच सकते हैं? शायद नहीं! लेकिन यह काफी दिलचस्प बात है कि आज हम जिस रूप में चॉकलेट का सेवन कर रहे हैं सालों पहले चॉकलेट का सेवन उस प्रकार से नहीं किया जाता था.
चॉकलेट का इतिहास तकरीबन 4000 साल पुराना है. अर्थात तो पिछले 4000 साल से दुनिया में लोग चॉकलेट का सेवन करते आए हैं. इतिहास मिली जानकारियों के अनुसार ईशा से लगभग 19वीं शताब्दी पहले तक भी लोगों को चॉकलेट की जानकारी थी. इसका प्रमाण अमेरिकी जंगलों में मिलता है.
चॉकलेट अफ्रीका और अमेरिका में मिलने वाले कोको के बीजों को भून-पीस कर उसमें चीनी मिलाकर तैयार की जाती है. लेकिन चॉकलेट तैयार करने से पहले कोको के बीज काफी कड़वे और स्वाद में तीखें होते हैं.
पहले यह दुनिया में ज्यादा मशहूर नहीं थी लेकिन 1528 में जब स्पेन के सैनिकों ने मेक्सिको पर हमला किया था तब स्पेन वासियों को कुछ खास हासिल नहीं हुआ लेकिन वहां के सैनिक मेक्सिको से कोको की बीज ले आए. उस समय स्पेन में लोग चॉकलेट को पेय पदार्थ की तरह प्रयोग करते थे. स्पेन वासी इसमें मिर्च मसाले और नमक डालकर इस को गर्म करके पीते थे. जिसके बाद यह ट्रेंड दुनिया में मशहूर हुआ और लोग कोको के बीजों को मिर्च मसाला डालकर ही पीने लगे.
तकरीबन 500 साल तक यही ट्रेंड रहा लेकिन अब बीते कुछ वर्षों में इस विधि में बदलाव किया जा चुका है क्योंकि अब लोग चॉकलेट में मिर्च मसाले नहीं डालते बल्कि उसमें चीनी मिला देते हैं. अब चॉकलेट मिठाई बन चुकी है और यह प्यार और स्नेह का प्रतीक बन चुकी है. हालांकि इस बात की कोई ऐतिहासिक तो जानकारी नहीं है कि प्रेमियों के बीच चॉकलेट खाने का रिवाज था. लेकर अब लोगों ने चॉकलेट डे जैसे दिवस मना कर इसे प्रेम का प्रतीक बना दिया है.