14-15 की उम्र में जब हमें खेलने कूदने और पढ़ाई की चिंता से भी फुर्सत नहीं मिलती वहां हम तो सोच भी नहीं सकते कि हमें खुद का बिजनेस खड़ा करना है. यह वह उम्र है जब हम अपने छोटे से छोटे फैसले भी अपने मम्मी पापा से पूछ कर करते हैं, लेकिन यह कहानी है एक ऐसी लड़की की जिसने महज 15 साल की उम्र में अपने घर वालों के साथ चल रही अनबन के कारण घर छोड़ दिया.
इस लड़की का नाम था चीनू और वह अपने परिवार के साथ मुंबई में रह रही थी. लेकिन चीनू में तमन्ना थी कुछ कर गुजरने की, उनके पास उस समय कोई शैक्षिक योग्यता भी नहीं थी शायद यही वजह थी कि उनके घरवाले उनका समर्थन नहीं कर रहे थे. आखिरकार चीनू महज 15 साल की उम्र में 2 जोड़ी कपड़ों से भरा हुआ एक बैग और हाथ में 300 रुपए लेकर घर से दुनिया से लड़ने के लिए निकल पड़ी.
चीनू का कहना है कि उस समय उन्हें हिम्मत कहां से मिली यह वह नहीं जानती! शायद उन्होंने यह कदम जोश में उठा लिया था. दो-तीन दिन तक उन्हें कुछ समझ में नहीं आया क्योंकि यह उनके लिए बहुत मुश्किल पड़ाव था, कुछ समय तक इधर-उधर भटकने के बाद उन्हें रहने के लिए एक डॉरमेट्री नसीब हुई जो हर रात सोने के लिए 20 रूपए वसूल करती थी.
अपना गुजारा चलाने के लिए चीनू ने काम ढूंढना शुरू किया और उन्हें घर-घर जाकर चाकू छुरी बेचने का एक काम मिल गया, चीनू कहती है यह 90 का दौर था जब वह चाकू छुरी बेचने घर-घर जाया करती थी और ज्यादातर लोग उनके मुंह पर दरवाजा बंद कर देते. 1 साल तक इसी तरह से अपना गुजर-बसर करने के बाद आखिरकार उन्होंने तीन अन्य लड़कियों को ट्रेनिंग देना शुरू किया.
अब चीनू को थोड़े ज्यादा पैसे मिलने लगे और उन्हें सेल्स ट्रेनिंग मिलने लगी. उनके पास कोई डिग्री नहीं थी लेकिन वह खुद अपना बिजनेस खड़ा करना चाहती थी. जिसके बाद उन्होंने वह नौकरी छोड़ी और रेस्टोरेंट में वेटर की तौर पर नौकरी करनी शुरू की.
काफी समय बीत जाने के बाद 2004 में चीनू ने अमित काला से शादी कर ली और वह मुंबई छोड़कर बेंगलुरु जा बसी, उनके पति ने उनका भरपूर समर्थन किया और 2 साल बाद उन्होंने 2007 में ग्लैड्रैग्स मिसेज इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया.
जिसके बाद उन्हें ब्यूटी पेंटेज के नए अवसर मिलने लगे क्योंकि वह उस प्रतियोगिता के टॉप 10 में शुमार थी. उन्होंने मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में कदम रखा और लंबे समय तक वहां बने रहने के बाद उन्होंने खुद की एक कंपनी corporate solutions की शुरुआत की. इसके बाद उन्हें कई नामी कंपनियों के साथ मिलने जुलने का मौका मिल गया था. इस दौरान एयरटेल, सोनी और आज तक जैसी कंपनियों के साथ बिजनेस डील्स करने लगी थी. लंबे समय तक अनुभव लेने के बाद 2014 में चीनू ने अपनी दूसरी कंपनी लगाई.
2014 में उन्होंने ज्वेलरी की यूनिक डिजाइन वाली रुबान एक्सेसरीज नामक कंपनी की स्थापना की. जो एथेनिक और वेस्टर्न ज्वैलरी बनाती है और उसकी कीमत 229 से 10000 तक है. इस ब्रांड की पहली दुकान फिनिक्स मॉल में लगाई गई थी.महज 5 साल बाद यानी कि 2019 में ही इस कंपनी का सालाना टर्नओवर 7.5 करोड़ रहा. आज रुबान जाना माना ज्वेलरी ब्रांड बन चुका है और इसकी अन्य कई शाखाएं भी बन चुकी है, यह वर्तमान में बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि में कई दुकानों के जरिए चल रहा है.