यूपीएससी की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है. लेकिन बावजूद इसके लाखों युवा इसे पास करने का सपना देखते हैं हालांकि चयनित होने वाले परीक्षार्थी बेहद कम होते हैं. परीक्षा के तीन चरण प्रत्येक परीक्षार्थी को पास करने होते हैं जिनमें से पहले एक प्री परीक्षा होती है फिर मेंस और फिर इंटरव्यू होता है.
इस पूरे एग्जाम को पास करने के बाद ही विभिन्न अफसरों का चयन होता है. परीक्षा पास करने के बाद ही आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईईएस का चयन होता है. इन सभी का चयन परीक्षा में पास हुए विद्यार्थियों में से ही किया जाता है. आइए आज हम आपको बताते हैं कि पास विद्यार्थियों में से कैसे इन अफसरों का चयन होता है और उनकी क्या भूमिकाएं होती है?
जानकारी के लिए बता दें कि यूपीएससी में कुल 24 सर्विस होती है. जिनके लिए उम्मीदवारों का चयन परीक्षा के द्वारा किया जाता है. इन्हें पहले दो कैटेगरी में बांटा जाता है पहली कैटेगरी ऑल इंडिया सर्विसेज और दूसरी सेंट्रल सर्विसेज होती है. सेंट्रल में सभी सर्विस को ग्रुप ए और ग्रुप बी कहा जाता है.
ऑल इंडिया सर्विसेज :– मित्रों ऑल इंडिया सर्विसेज के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस और भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस के अधिकारियों का चयन होता है. इसमें चुने गए लोगों को राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यभार दिया जाता है. इसके लिए परीक्षार्थी की रैंक अच्छी होनी चाहिए अर्थात उसे परीक्षा में अधिक अंक मिले हो.
सेंट्रल सर्विसेज :– इसमें सभी को ग्रुप ए और ग्रुप बी की सर्विस कहा जाता है. ग्रुप-ए की सर्विस के तहत भारतीय विदेश सेवा यानी कि आईएफएस, सिविल अकाउंट सर्विस और इंडियन रेवेन्यू सर्विस अर्थात आईआरएस शामिल है.
इसके अलावा इंडियन रेलवे सर्विस अर्थात आईआरटीएस और आईआरपीएस के साथ इंडियन इनफॉरमेशन सर्विस यानी कि आईआईएस भी इसमें शामिल है. इनके अलावा ग्रुप बी में आर्म्ड फोर्सेज, हेड क्वार्टर सिविल सर्विस पुडुचेरी, सिविल सर्विस दिल्ली एंड अंडमान निकोबार आइलैंड सिविल और पुलिस सर्विस जैसी कार्यशक्तियां शामिल है. यह कार्य उन परीक्षार्थियों को दिए जाते हैं जिनकी रैंक अपेक्षाकृत कम है और उन्होंने दूसरों से कम अंक पाए हैं.