परिवार के बीच प्रेम बना रहे तो इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता. लेकिन आजकल के भाई भाई एक दूसरे की जान के दुश्मन बने हुए हैं और जमीन के एक छोटे से टुकड़े के लिए एक-दूसरे से विवाद करने में नहीं कतरा रहे, भाई भाई के बीच का आपसी प्रेम तो जैसे आज-कल लुप्त ही हो गया है. लेकिन आज हम जिन दो भाइयों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं उनका प्रेम इतना अनूठा है कि दोनों ने आखिरी सांस तक साथ ली.
यह दोनों भाई राजस्थान के सिरोही के नागानी गांव के रहने वाले हैं. बड़े भाई का नाम रावता राम देवासी है जबकि छोटे भाई का नाम हीराराम देवासी था. रावताराम हीराराम से लगभग 2 साल बड़े थे. रावताराम की उम्र लगभग 75 साल थी.
भाई रावताराम और हीराराम के बीच में शुरुआत से ही काफी प्रेम रहा है और बचपन से ही दोनों साथ ही रह रहे थे. दोनों की शादी अभी एक ही दिन हुई थी और दोनों जहां भी जाते साथ जाते. दोनों की एकता की मिसाल भी पूरे गांव में दी जाने लगी थी इसी वजह से गांव में जब भी कोई विवाद होता तो दोनों को जरूर बुलाया जाता. दोनों की यह एकता उनकी शोहरत का कारण बनी हुई थी इस वजह से आसपास के सभी लोग दोनों का अच्छा खासा सम्मान करते थे.
उम्र बढ़ने के कारण दोनों ही अब शायद उतने कामकाजी नहीं रह गए थे जितने कि पहले थे. इस वजह से दोनों एक दूसरे के पास ही सोते थे और बैठे-बैठे बातें किया करते थे. अब हाल ही में कुछ दिनों पहले ही रावताराम को इस बात का एहसास होने लगा कि उनका अंतिम समय आ गया है.
रावताराम अपने छोटे भाई हीराराम से बार-बार यह कहते थे कि अब उनके पास ज्यादा समय नहीं है और वह कुछ दिनों के ही मेहमान है. यूं कहते-कहते ही कुछ दिनों पहले ही रावताराम ने आखिरी सांस ली और वह चल बसे, रावताराम के आखिरी पलों में भाई हीराराम भी चिल्लाने लगा कि मैं भी आता हूं.
जिसके बाद बड़े भाई की मृत्यु के मात्र 2 या 3 मिनट पश्चात ही भाई हीराराम की भी मौत हो गई. दोनों भाइयों का यह प्रेम देखकर पूरे गांव के लोग आश्चर्य में डूबे हुए हैं, इसके अलावा दोनों भाइयों की यह कहानी सुनकर भी हर कोई अपने आंसू निकालने पर मजबूर है.