जब शरीर में कोई शारीरिक दुर्बलता हो तो अधिकांश लोग हिम्मत हार कर किस्मत को कोसने लगते हैं. किसी का पैर टूट जाए तो उसको लगता है कि अब उसका जीवन किसी काम का नहीं रहा.
तो ऐसे में उस व्यक्ति की क्या मानसिक हालत होगी जहां शरीर एक है लेकिन इंसान दो. हम बात करने जा रहे हैं पंजाब के अमृतसर के रहने वाले दो भाई सोहना और मोहना के जो वास्तव में दो अलग व्यक्ति हैं लेकिन उन दोनों का शरीर जुड़ा हुआ है.
शरीर में इतनी दुर्लभता के कारण इनके मां बाप ने ही पैदा होते ही इनको छोड़ दिया था, जीवन भर संघर्ष करने के बाद आखिरकार अब वह सुनहरी घड़ी आई है जब इन दोनों को रोजगार मिल गया है.
सोहना और मोहना की कहानी :– सोहना और मोहना का जन्म 14 जून 2003 को दिल्ली के सुचेता कृपलानी अस्पताल में हुआ था. लेकिन एक ही शरीर से जुड़े हुए दो बच्चों को देखकर इनके माता-पिता ने इन्हें स्वीकार करने से मना कर दिया था.
डॉक्टर ने भी दावा किया था कि यह ज्यादा दिन तक नहीं बच पाएंगे. जिसके बाद इन दोनों को अमृतसर के पिंगलवाड़ा में छोड़ दिया गया था. वहीं इन दोनों का नामकरण भी किया गया था.
लंबे समय तक समाज का बहिष्कार झेलने के बाद आखिर पंजाब सरकार ने इनकी दुर्लभता को देखते हुए इन्हें सरकारी नौकरी देने का वायदा किया था. कैप्टन अमरिंदर सिंह में दोनों में से किसी एक के लिए सरकारी नौकरी का ऐलान किया था.
जिसके बाद वर्तमान के चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यकाल में पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन में सोहना को सरकारी कर्मचारी के रूप में नियुक्त कर दिया गया.
दोनों को पहले इलेक्ट्रिकल में डिप्लोमा करवाया गया और सारी कार्यप्रणाली समझाई गई. जिसके बाद कामकाजी दक्षता के आधार पर सोहना को कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया. जबकि उसका भाई मोहना उसके काम में मदद कर सकेगा.
उसे 20000 वेतन वाले मेंटेनेंस कर्मचारी के तौर पर नियुक्त किया गया है, हाल ही में 11 दिसंबर को उसकी नियुक्ति भी हो गई है. सामान्य सरकारी कर्मचारी के तौर पर ही सोहना का प्रमोशन भी होगा एवं पेंशन भी मिलेगी.