भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द जी ने एक बार अपनी सैलरी के बारे में बताया था। उन्होंने कहा की उन्हें 5 लाख रुपये महीने की सैलरी मिलती है लेकिन इसमें से पौने तीन लाख रुपये महीना टैक्स देना पड़ता है। राष्ट्रपति ने बताया की जो पैसा उनके हाथ तक पहुँचता है उससे ज्यादा तो उनके अधिकारियों को मिलता है।
राष्ट्रपति यह भी बताते है की अगर वह दुनिया के किसी भी कोने में 2 घंटे के लिए भी चले जाए तो 18 से 20 लाख का खर्चा हो जाता है। यह खर्चा जनता के टैक्स से निकाला जाता है। वह बताते है कि लोग उन्हें ताना मारते है कि वह अब बड़े लोग हो गए है और उनके दिए गए न्योता पर आते भी नहीं है।
परन्तु इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनके लिए 2-3 घंटे निकालना कोई बड़ी बात नहीं है परन्तु उस साम्य में जो खर्चा होता है वह काफी बड़ा होता है। ये जो खर्चा होता है यह राष्ट्रपति की कमाई से नहीं निकाला जाता है। राष्ट्रपति दुनिया के किसी भी कोने में मुफ्त में घूम सकते है क्योंकि जो पैसा होता है वह जनता के टैक्स से निकाला जाता है।
राष्ट्रपति ने बताया की यह पैसा देश की जनता का है जिसका दुरुपयोग करना सही नहीं है। खुद की उपस्थिति देने से बेहतर वह मानते है कि वह फ़ोन पर या पत्र के द्वारा ही लोगों तक अपनी शुभ कामनाएँ पहुंचा दे। अब यह कोई आम आदमी नहीं है ,देश के राष्ट्रपति होने के नाते उनके कई फर्ज व जिम्मेदारियाँ होती है।