मित्रों हम अपने आसपास कई ऐसे लोग देखते हैं जिन्हें देखकर हमें लगता है कि यह लोग कितने किस्मत वाले हैं या कितने बदकिस्मत है. क्या सच में ऐसा होता है कि हम में से कुछ भाग्यवान हैं जबकि कुछ का जीवन दुर्भाग्य से भरा हुआ है? मित्रों बिल्कुल ऐसा सच है कि हर व्यक्ति का अपना एक भाग्य होता है.
मित्रों हम आज केवल किस्मत का निर्धारण किसी पूर्व अनुमान के आधार पर नहीं करेंगे बल्कि कई रिसर्च के आधार पर यह बात साबित हुई है कि कुछ लोग बहुत भाग्यवान होते हैं जबकि कुछ बड़े ही दुर्भाग्य वान.
1:- अवसरों को मौका दें– हम सभी के जीवन में विभिन्न अवसर हमारे दरवाजे पर दस्तक तो देते ही हैं, लेकिन हम कभी उनको मौका देते हैं और कभी नहीं. जैसे कि कई लोगों के पास मौका होता है कि वह अच्छा पढ़ लिख ले और एक बढ़िया नौकरी कर ले, जो लोग बढ़िया पढ़ लिख जाते हैं वह अच्छा कमाते हैं तब उन्हें लगता है कि हम भाग्यवान हैं. जबकि दूसरे जो नहीं पढ़ते हैं बाद में उन्हें लगता है कि हमारा जीवन कितना दुर्भाग्य से भरा है.
कहने का तात्पर्य है कि जो जो लोग पहले ही तनाव में और दबाव में आकर अवसरों को मौका नहीं देते, उनका जीवन सच में ही दुर्भाग्य से भर जाता है बजाय उनके जो कि अवसरों का समय समय पर उपयोग करते हैं और शांत मन से उन पर काम करते हैं.
2:–अपना नजरिया बदलें– मित्रों हर व्यक्ति के कई नजरिये होते हैं. जैसे कि आप एक दिन स्कूटर चला रहे थे और आप स्कूटर से गिर गए जिसमें आपका हाथ टूट गया, तो कई लोग ऐसे में सोचेंगे कि अहा! कितना अच्छा हुआ कि मैं किसी दुर्घटना से बच गया और मेरा सिर्फ हाथ टूटा.
इसके बजाय दूसरे प्रकार के लोग सोचेंगे कि हम कितने दुर्भाग्य वाहन हैं कि हमारा दुर्घटना में हाथ टूट गया, ऐसी सोच रखने वाले लोगों का जीवन हमेशा दुर्भाग्य से भर जाएगा और उन्हें अपने साथ हुई हर छोटी से छोटी चीज गलत ही प्रतीत होगी.
3:–अपनी अंतरात्मा की सुनें– मित्रों हमारे दिमाग के 2 हिस्से होते हैं एक होता है सचेत और एक अचेत. हमारा सचेत दिमाग तो हर समय सक्रिय होता है जैसे हमारे खाने, बोलने, बैठने सब क्रियाओं में.
लेकिन हम जब भी कोई काम करने जाएं जैसे हम किसी व्यक्ति से दोस्ती बनाएं तब हमारा दिमाग हमेशा कोई ना कोई संकेत देता है कि यह व्यक्ति किस प्रकार का हो सकता है, यदि हमें उस व्यक्ति के ढंग कुछ ठीक नहीं लगते तो चाहे वह कितना ही मीठा क्यों ना बोले हमें उससे दूरी बना लेनी चाहिए.
कहने का तात्पर्य यह है कि चाहे आप कोई भी काम करें, कोई व्यवसाय करें, किसी व्यक्ति से मित्रता करें उससे पहले हमेशा आप अपनी अंतरात्मा की सुने यदि आपकी अंतरात्मा आपको कार्य करने की अनुमति देती है तो निश्चय ही आपको उसमें सफलता मिलेगी. अपने अच्छे मस्तिष्क की शक्ति हमेशा ध्यान करके बढ़ाई जा सकती है जिससे आपको हमेशा उचित फैसले मिलेंगे.
4:– जीवन में सदा आशावादी बने रहे– मित्रों जीवन में आशा का बने रहना बहुत आवश्यक है, यदि आप किसी भी वस्तु से अपनी आशा तोड़ देते हैं तो आपको हमेशा ऐसा ही लगता है कि मैं कितना दूर भाग्यवान हूं!
आशावादी बने रहने का तात्पर्य यह है कि चाहे जीवन में समस्याएं आए, संकट आए, बार-बार हमें विफलता का सामना करना पड़े, तो हमें यह सोचकर नहीं बैठ जाना है की यही हमारे जीवन की आखिरी और निर्णायक परीक्षा थी. बजाय इसके आपको अपने हर विफलता से एक सीख लेनी चाहिए.
अगर मोटे तौर पर बात की जाए तो दुर्भाग्य और सब भाग्य दोनों ही हमारे दिमाग का ही खेल है. हम किसी वस्तु को लेकर उत्साहित होंगे, आशावादी होंगे, कोशिश करेंगे और हमेशा चेहरे पर मुस्कान लिए चलेंगे तो हम परम सौभाग्यशाली हैं.
यदि हम मन में यह ठान ले कि हम कुछ नहीं कर सकते और हमारी किस्मत बड़ी ही खराब है तो सच में ही आपकी किस्मत बहुत खराब है और आपको जीवन में हर चीज करने के लिए बड़ी ही कठिनाई झेलनी पड़ेगी.