सदियों से समाज की प्रचलित प्रथा है कि जब बेटी बड़ी हो जाती है तब उसका विवाह कर दिया जाता है. विवाह की प्रथा विश्व के सभी धर्मों में अपनाई जाती है. लेकिन यदि हम भारत के मध्यकाल का इतिहास उठा कर देखे तो हम पाएंगे कि मुगल साम्राज्य में हुमायूं के बाद मुगल शाहजादियों का निकाह नहीं कराया जाता था. इस प्रथा का सबसे ज्यादा चलाना अकबर के बाद हुआ था, क्योंकि अकबर ने स्वयं भी अपनी बेटियों की शादी नहीं की थी. और उसने एक प्रकार का नियम भी बना दिया की मुगल शहजादीयों की शादी नहीं की जाएगी. जिसका पालन कई वर्षों तक किया गया था.
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क्या था इस प्रथा का मूल कारण ?
विभिन्न इतिहासकारों के इस विषय में कई मत है. लेकिन मूल रूप से इस विषय में दो बातें कही जाती है. पहला तो यह की भारत में दिल्ली की गद्दी पर लंबे समय तक शासन करने के बाद मुगल शासकों को ऐसा लगने लगा था कि उनकी बराबरी का रिश्ता और हिंदुस्तान में मौजूद नहीं है. क्योंकि उस समय मुगलों के अलावा भारत में दूसरा कोई शक्तिशाली मुसलमान साम्राज्य सक्रिय नहीं था, जिसके चलते हैं उन्हें अपनी बेटियों के लिए रिश्ते ढूंढने में दिक्कत होती थी.
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उन्हें अपनी बेटियों की शादी करवाने के लिए अरब देशों की तरफ जाना होता था, मुख्य रूप से ईरान और इराक जैसे देशों में उन्हें अच्छे रिश्ते मिल पाते थे. देखा जाए तो यह सभी देश हिंदुस्तान की भौगोलिक स्थिति से बहुत दूर है. इसलिए इतनी दूर मुगल शहजादीयों से शादी करने के लिए वहां के शासकों की कुछ खास दिलचस्पी नहीं थी.
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दूसरा सबसे बड़ा और सबसे अहम कारण यह था कि मुगल शासक अपनी गद्दी को लेकर थोड़ा लालायित रहते थे. उन्हें अपनी गद्दी में सबसे ज्यादा दिलचस्पी थी. इतिहास में वर्णन मिलता है कि अकबर की बहन के शौहर शरीफूद्दीन ने मुगल गद्दी हासिल करने के लिए अकबर पर जानलेवा हमला कर दिया था.
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इस हमले में बादशाह अकबर बाल-बाल बचा था. जिसके बाद अकबर को यह लगने लगा था कि यदि वह अपनी बेटियों की शादी कर देता है तो उनके शौहर और उनके बच्चे शाह गद्दी के लिए उन पर हमला कर सकते हैं. अपनी गद्दी को खोने के डर से अकबर ने अपनी बेटियों की शादी ना करने का ऐलान कर दिया था.
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शहजादियों के साथ रखे जाते थे हिजड़े :–
कहा तो यहां तक जाता है कि अपनी बेटियों के प्रेम प्रसंग के डर से मुगल बादशाह उनको अलग हरम में रखते थे. जहां की सुरक्षा के लिए कभी किसी पुरुष या महिला को तैनात नहीं किया जाता था. कहा जाता है कि उन्हें डर था कि कहीं उनकी बेटियां पुरुष सुरक्षाकर्मियों के साथ प्रेम प्रसंग ना चला ले. इसीलिए उनकी सुरक्षा में केवल हिजड़ों को तैनात किया जाता था.
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लेकिन फिर भी इतिहास में कई जगह मुगल शहजादीयों के प्रेम प्रसंग की चर्चा मिलती है. फ्रांसीसी यात्री बर्नियर के अनुसार शाहजहां की बेटी जहांआरा का ईरानी युवक नजर खान से प्रेम संबंध था. जब इस बारे में शाहजहां को खबर लगी तो उन्होंने नजर खान को जहर देकर मार दिया. इसके अलावा इतिहास में कई बार शाहजहां और जहांआरा के बारे में भी आलोचनाएं हुई है.
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हालांकि की जो भी हो मुगल शहजादीयों के साथ यह व्यवहार ठीक नहीं कहा जा सकता. अपने पिताओं की इस मर्जी के चलते मुगल शहजादीयां कुछ कर भी नहीं सकती थी. और उन्हें उम्र भर ऐसे ही बैठकर जीवन निकालना पड़ा. इन्हीं कारणों से मुगल शहजादी गुलबदन बेगम सहित अकबर की बेटियों, शाहजहां की बेटियों, जहांगीर की बेटियों सहित मुगल साम्राज्य के खास रिश्तेदारों की बेटियों को भी कुंवारा ही मरना पड़ा.