भारतीय रसोइयों में एक साथ ही कई प्रकार की खाद्य सामग्री मौजूद होती है. हमारे यहां डिब्बों में भरकर हर प्रकार का सामान रखा जाता है. जिसमें विभिन्न प्रकार के मिर्च मसाले, तेल,घी समेत कहीं सूखे पदार्थ जैसे बेसन सूजी आदि होते हैं जो विभिन्न चीजें बनाने में काम आते हैं.
कई बार ऐसा होता है कि हमारे घर में बहुत सी चीजें सामान्यतया पड़ी होती है लेकिन हमें उनके बारे में जानकारी तक नहीं होती. उदाहरण के तौर पर सूजी उर्फ रवा को ही ले लीजिए ! अधिकांश लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती की सूजी रवा या सेमोलिना में क्या अंतर होता है? इसके अलावा अधिकांश लोग यह भी नहीं जानते कि इसका इस्तेमाल एक ही तरीके से किया जाता है या उसमें भी कुछ भेद है?
इसको लेकर विभिन्न प्रकार के कंफ्यूजन भी लोगों में बने रहते हैं. इसलिए हम आपको इनके बीच का स्पष्टीकरण देने जा रहे हैं. दरअसल सच कहें तो इनके बीच में वास्तव में कोई भी अंतर नहीं होता. चाहे सूजी कह लीजिए या फिर कह लीजिए रवा या सेमोलिना बात एक ही होती है! कुछ लोग यह कहते हैं कि बारीक पिसा हुआ सूजी होता है जबकि मोटे कणों वाला आटा रवा होता है.
लेकिन जान लीजिए ऐसा कुछ भी नहीं है. कणों का आकार एक सामान्य चीज है और यह आपको बाजार में कई वैरायटी का मिल जाता है.दरअसल इनके बीच में फर्क कुछ नहीं है बल्कि उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच कुजीन का अंतर जिम्मेदार है. सूजी नाम उत्तर भारत समेत पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रसिद्ध है.
जबकि रवा नाम दक्षिण भारत में प्रसिद्ध है और इसके आसपास के सभी क्षेत्रों में भी इसे रवा ही कहा जाता है. सेमोलिना इसे विदेशों में कहा जाता है और यह विदेशों में इसी नाम से बिकता है. माना जाता है कि सूजी का उद्गम इटली से हुआ है और वहां इसे सेमोलिना नाम दिया गया.