भारत में हर राज्य और राज्य के हर जिले में विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक रीति रिवाज देखने को मिल जाते हैं. भारत में विविधता की ह’द इतनी है कि प्रत्येक 40-50 किलो मीटर में लोगों की मान्यताओं में फर्क आ जाता है.
हिंदू न्याय संहिता के अनुसार यही नियम है कि प्रत्येक व्यक्ति केवल एक ही विवाह कर सकता है. पहले विवाह से तलाक से पहले यदि वह दूसरा विवाह करता है तो वह अमान्य होता है. ऐसे में मुकदमा भी दायर किया जाता है और इसकी सजा भी हो सकती है. लेकिन आज हम राजस्थान के एक ऐसे गांव के बारे में बात करने जा रहे हैं जहां प्रत्येक व्यक्ति दो शादियां उसे अपना दायित्व समझकर करता है.
यह गांव है राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित रामदेयो. इस गांव में प्रत्येक पुरुष 2 महिलाओं से विवाह करता है और इसके पीछे काफी पुरानी मान्यता भी है अर्थात हजारों वर्षों से इस गांव में ऐसा होता आया है.
ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस गांव में एक शादी करेगा उसकी पत्नी को गर्भधारण नहीं होगा। यदि गर्भ धारण हो भी जाता है तो पहली पत्नी से उसको केवल बेटी ही हो सकती है. ऐसी मान्यता है कि दूसरी पत्नी को बेटा होता है और इसी वजह से दो शादियां आवश्यक है. गांव वालों का कहना है कि ऐसा देखा गया है कि दूसरी पत्नी को केवल बेटा ही होता है.
हालांकि उन लोगों की बातों में कितनी सच्चाई है इस बारे में तो हम नहीं जानते लेकिन इसके पीछे मान्यता यही है. खास बात यह भी है कि यहां एक पति की दो पत्नियां होने के बावजूद भी वह आपस में ल’ड़ाई झ’गड़ा नहीं करती बल्कि घुल मिलकर बहनों की तरह रहती है. शायद इन लड़कियों ने इसे अपनी किस्मत और परंपरा मान लिया है.
एक बात और यह भी है कि इस गांव की इस प्र’था की जानकारी पुलिस प्रशासन को भी है लेकिन फिर भी यहां किसी को गिरफ्तार नहीं किया जाता और क्योंकि गांव वाले एक दूसरे की शिकायत कभी नहीं करते.
ऐसा लगता है कि शायद गांव के पुरुषों ने अपने शौक को इस ड’र में तब्दील कर दिया था कि एक पुरुष को दो विवाह करना आवश्यक है. वरना ऐसा सबूत तो कहीं भी नहीं है कि पहली पत्नी से केवल बेटी हो सकती है और दूसरी से बेटा. आपकी क्या राय है इसके बारे में कमेंट कर के जरूर बताएं।