मित्रों हमारे समाज में दीपावली के दूसरे दिन यानी कि गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का महाप्रसाद बनाने की परंपरा कई सदियों से चली आ रही है. इस परंपरा का एक कारण यह भी है इस समय सभी अनाजों की कटाई होती है और सभी लोग नया अन्न प्राप्त करते हैं जिसे भगवान को भोग लगाया जाता है. इसलिए दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के साथ ही अन्नकूट का प्रसाद बनाना भी आवश्यक माना गया है.
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कैसे बनाएं अन्नकूट का भोग?- जैसा कि नाम से ही विदित है, अन्नकूट यानी कि कई सारे अनाजों का मेल. इस दिन भारतीय समाज में हर मंदिर में और विशेषकर कृष्ण मंदिर में तो अन्नकूट का प्रसाद आवश्यक रूप से बंटता है. इसलिए आपको अपने आसपास उपलब्ध होने वाले सभी मौसमी फसलों के मेलजोल से प्रसाद तैयार करना है. जिसे आपको सभी परिवारजनों और आसपास के लोगों में बांटना है.
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सर्वप्रथम क्या करें?- सर्वप्रथम बाजार में उपलब्ध होने वाले सभी मौसमी सब्जियां जैसे बैंगन, आलू, गोभी, धनिया, मेथी, पालक, गाजर, फलिया, टमाटर, मिर्ची, सेम, ककड़ी और लौकी आदि खरीद ले. सभी सब्जियों को थोड़ा-थोड़ा ले और मिक्स करके उनकी सब्जी बनाएं. आप चाहे तो सब्जियों को उबालकर और मैश करके उनकी सब्जी बना सकते हैं. यदि साबुत बनाना चाहे तो साबूत भी सभी सब्जियों की मिक्स सब्जी बना सकते हैं.
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इसके पश्चात आपको कढ़ी बनानी है. कढ़ी आप अपनी पसंद अनुसार बना सकते हैं. कढ़ी के साथ ही आपको चावल भी बनाने हैं. सिर्फ सफेद चावल उबालकर चावल तैयार करने है. तत्पश्चात आपको बाजरे की या गेहूं की या जिस भी अनाज की रोटी बनाना चाहें बना सकते हैं.
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सभी वस्तुएं तैयार करने के पश्चात सर्वप्रथम आपको तुलसी के पत्तों के साथ और जल के साथ यह प्रसाद भगवान श्री कृष्ण को अर्पित करना है. इसके बाद आप इसे प्रयोग में ला सकते हैं, इसे सभी परिवार जन श्री कृष्ण का नाम लेकर ग्रहण करें और आसपास के सभी लोगों में बांट दें.